कुशीनगर की नहरों में पानी न आने से किसान चितित
कुशीनगर जिले के किसान समस्या से जूझ रहे हैं उनकी गन्ने मक्का व सब्जी की फसल सूख रही है सिंचाई शुल्क बंद होने के बाद से नहरों की दशा पहले से खराब हो गई है।
कुशीनगर : क्षेत्र के नहरों में पानी नहीं आने से किसान परेशान हैं। गन्ना, मक्का व सब्जियों के लिए इस समय भरपूर पानी की जरूरत है और नहरों में धूल उड़ रही है। मुख्य पश्चिमी गंडक नहर से निकली देवरिया शाखा से जुड़ी नहरों में पानी नहीं है।
स्थानीय किसानों का कहना है कि वर्ष 1965 से लेकर 1968 के बीच देवरिया शाखा का जब निर्माण हुआ तो अपनी भूमि के नुकसान का कोई गम नहीं हुआ। सोचा गया कि नहर में पानी आएगा तो खेतों की बेहतर सिचाई होगी और उत्पादन बढ़ेगा। उस समय खेतों में कुंआ खोद कर फसलों की सिचाई करनी पड़ती थी। जब तक विभाग की ओर से सिचाई का शुल्क किसानों से लिया जाता था, तब तक नहरों की हालत ठीक रही। सरकार की ओर से सिचाई शुल्क माफ किए जाने के बाद व्यवस्था बिगड़ती चली गई। अब नहरों में पानी आने का कोई समय ही नहीं रह गया है। जब किसानों को पानी की जरूरत रहती है तो नहरें सूखी रहती हैं। देवरिया शाखा से संबद्ध खोट्ठा रजवाहा, बसंतपुर रजवाहा, बनकटा शाखा में पानी नहीं आने से हजारों किसानों के चेहरे पर मायूसी है।
दगा दे रहा नेटवर्क, परेशान उपभोक्ता
समउर कस्बे में स्थित बीएसएनएल का टावर रखरखाव के अभाव में बदहाल है। इससे उपभोक्ताओं को परेशानी तो है ही, निगम को भारी राजस्व की हानि उठानी पड़ रही है। यहां तैनात चौकीदार को एक साल से मानदेय नहीं मिला है। ग्राहक दूसरी कंपनियों में अपने नंबर को पोर्ट करा रहे हैं। लैंडलाइन पूरी तरह ध्वस्त है। लोगों ने महाप्रबंधक से व्यवस्था दुरुस्त कराए जाने की मांग की है।