सरोकार.. सेहत को लेकर फिक्रमंद हो रहे लोग
अनियमित दिनचर्या व खानपान में गड़बड़ी से सेहत बिगड़ रही है। लोग स्वास्थ्य को लेकर फिक्रमंद होने लगे हैं। पडरौना रेलवे स्टेशन के रैक प्वाइंट पर रोज सुबह 300 से 350 लोग टहलते जागिग करते व जंप करते नजर आते हैं। सुबह की ताजी हवा इन्हें न सिर्फ ताजगी दे रही हैं बल्कि पूरे दिन ऊर्जावान बना रही है।
कुशीनगर : अनियमित दिनचर्या व खानपान में गड़बड़ी से सेहत बिगड़ रही है। लोग स्वास्थ्य को लेकर फिक्रमंद होने लगे हैं। पडरौना रेलवे स्टेशन के रैक प्वाइंट पर रोज सुबह 300 से 350 लोग टहलते, जागिग करते व जंप करते नजर आते हैं। सुबह की ताजी हवा इन्हें न सिर्फ ताजगी दे रही हैं, बल्कि पूरे दिन ऊर्जावान बना रही है। इन्हें देख मार्निंग वाक करने वालों की संख्या दिनोंदिन बढ़ रही है।
नगर में मार्निंग वाक के लिए कायदे का पार्क न होने से लोग सड़क व सार्वजनिक स्थलों पर ही टहल कर सेहत सुधार रहे हैं। रेलवे के रैक प्वाइंट पर सुबह चार बजे सेहत को लेकर फिक्रमंद लोग पहुंचने लगते हैं। वहीं नगर के रामकोला रोड, छावनी रोड, कोतवाली रोड, नहर की पटरी सहित मुख्य सड़कों पर समूह में टहलने वाले पुरुष व महिलाओं की संख्या बढ़ रही है। महिलाएं भी सेहत को लेकर सतर्क हैं। चौका बर्तन संभालने से पूर्व टहलना दिनचर्या का अहम हिस्सा होने लगा है।
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लोगों ने कहा
-विजय दीक्षित ने कहा कि सुबह टहलने के बाद ही दिनचर्या शुरू होती है। चार वर्ष से मार्निंग वाक से सेहत चंगा है। बीमारी पास नहीं फटकती है। थकान नहीं महसूस होता है।
-सच्चिता मल्ल कहते हैं कि चार से पांच किमी मार्निंक वाक अब रूटीन में शामिल हो गया है। खान-पान नियंत्रित है। सुबह की ताजी हवा पूरे दिन ऊर्जावान बनाती है।
-राजेश जायसवाल ने कहा कि सुबह पांच से छह किमी टहलने के बाद स्नान करना पांच वर्ष से जारी है। बीपी, शुगर, पाचन क्रिया नियंत्रित है। नगर में सुरक्षित जोन होना चाहिए।
-अखिलेश कुमार शर्मा ने कहा कि अभी रैक प्वाइंट खाली है तो लोग टहल रहे हैं। जब मालगाड़ी का सामान यहां लग जाएगा तो दिक्कत बढ़ेगी। इसके लिए स्थायी व्यवस्था होनी चाहिए।