अब कम्युनिटी किचन से कामगारों के भोजन का इंतजाम
मुंबई दिल्ली गुजरात आदि शहरों से जिले में आने वाले कामगारों को क्वारंटाइन सेंटरों पर रोकने की व्यवस्था समाप्त कर दी गई है। अब ऐसे में इनके लिए भोजन का इंतजाम कम्युनिटी किचन से होगा वह भी केवल जिले में प्रवेश करने के दौरान ही।
कुशीनगर: मुंबई, दिल्ली, गुजरात आदि शहरों से जिले में आने वाले कामगारों को क्वारंटाइन सेंटरों पर रोकने की व्यवस्था समाप्त कर दी गई है। अब ऐसे में इनके लिए भोजन का इंतजाम कम्युनिटी किचन से होगा, वह भी केवल जिले में प्रवेश करने के दौरान ही।
लॉकडाउन पार्ट-दो में जिले के छह तहसीलों के क्वारंटाइन केंद्रों पर मीनू के हिसाब भोजन व नाश्ता दिया जाता रहा। अनलॉक पार्ट-एक शुरू होने के पहले ही जिले के 778 क्वारंटाइन केंद्र नई व्यवस्था के तहत बंद कर दिए गए। अब कामगारों के रात में रुकने की कोई व्यवस्था नहीं है। बाहर से आने पर यहां उनकी सिर्फ थर्मल स्क्रीनिंग होगी और भोजन कराने के बाद उन्हें गंतव्य को भेज दिया जाएगा। भोजन हर तहसील स्तर पर बने कम्युनिटी किचन से आएगा।
बाहर से आने वाले श्रमिकों की संख्या घटी
पहले एक दिन में जिले में दो हजार से तीन हजार कामगार आते थे। अब यह संख्या घटकर 200 से 300 के बीच रह गई है। जिले में प्रवेश करने पर सबसे पहले हाटा के ढाढ़ा स्थित संतपुष्पा इंटर कालेज में इनकी इंट्री की जाती है। वहां से कसया, पडरौना, तमकुहीराज, कप्तानगंज, खड्डा तहसीलवार एकत्रित कर अलग-अलग वाहन से इनको भेजा जाता है।
बाहर से आने वाले कामगारों के लिए भोजन का इंतजाम तहसील प्रशासन के जिम्मे है। इसके लिए तहसीलदारों को निर्देशित किया गया है। कहीं से गड़बड़ी की शिकायत मिलती है तो जांच कराकर, कार्रवाई की जाएगी।
विध्यवासिनी राय, एडीएम, कुशीनगर