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कुशीनगर में खेती करने के लिए लगाते हैं जान की बाजी

कुशीनगर के खड्डा क्षेत्र में नौतार जंगल बांध काटने की वजह से नाला बन गए खेत खेतों में जाते समय डूबने का रहता है डर नाव की मांग।

By JagranEdited By: Published: Tue, 27 Jul 2021 12:59 AM (IST)Updated: Tue, 27 Jul 2021 12:59 AM (IST)
कुशीनगर में खेती करने के लिए लगाते हैं जान की बाजी

कुशीनगर : टापू बने खड्डा ब्लाक के नौतार जंगल गांव के लोग खेतों में कार्य करने जाने के लिए प्रतिदिन जान की बाजी लगाते हैं। 20-25 फीट चौड़े और काफी गहरे नाले को पार कर जाते-आते हैं। इससे लोगों के डूबने का डर बना रहता है। यह परेशानी नौतार जंगल बांध के काटे जाने के बाद खड़ी हुई है। सबकुछ जानते हुए भी प्रशासन अनजान बना हुआ है। लोगों ने प्रशासन से नाव की व्यवस्था कराने की मांग की है।

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नौतार जंगल, बोधीछपरा, नौतार जंगल, मलहिया के किसानों की लगभग 2000 हेक्टेयर भूमि देवीपुर, गेठिहवा, नौतार जंगल मौजा के पास है। उसमें गन्ना, धान व केला की फसल बोई गई है। बीते 15 जून को बारिश के बाद यह इलाका जलमग्न हो गया था। 19 जून को रंजीता जंगल के ग्रामीणों ने नौतार जंगल बांध काट दिया। वहां से निकल रहे पानी के बहाव की वजह से जिला पंचायत की ओर से बनवाए गए पुल के समीप 20-25 फीट लंबा व करीब 10 फीट गहरा कुंड बन गया है। जबकि अगल-बगल के खेत नाला में तब्दील हो गए हैं। नौतार जंगल गांव के गनेश निषाद, इन्नर यादव, महेंद्र यादव ने बताया कि खेतों में जाने के लिए नाला व कुंड पार करना पड़ता है। अगर पैर फिसल जाए तो डूबने का डर रहता है। महिलाएं भी खेतों में चारा काटने जाती हैं। उनको लेकर सर्वाधिक परेशानी होती है। सीताराम यादव, जितेंद्र साहनी, महेंद्र निषाद, छट्ठू, रामजी, द्वारिका साहनी, राजधारी निषाद, लालजी निषाद, कमलेश यादव, रामाकांत साहनी आदि ने प्रशासन से नाव की व्यवस्था किए जाने की मांग की। एसडीएम अरविद कुमार ने कहा कि मामला संज्ञान में है, उच्चाधिकारियों से बातचीत कर समाधान कराया जाएगा।


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