गाइड लाइन का पालन ही स्वास्थ्य के लिए बेहतर
कोरोना से निपटने के लिए जरूरी है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन व केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की गाइड लाइन का अनुपालन जरूरी है। चिकित्सकों की परामर्श है कि अस्पताल में इलाज कराने व होम आइसोलेशन में रहते हुए बचाव के उपायों पर पूरी तरह अमल करें।
कुशीनगर: कोरोना से निपटने के लिए जरूरी है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन व केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की गाइड लाइन का अनुपालन जरूरी है। चिकित्सकों की परामर्श है कि अस्पताल में इलाज कराने व होम आइसोलेशन में रहते हुए बचाव के उपायों पर पूरी तरह अमल करें। जिला संयुक्त चिकित्सालय में कोविड-19 के नोडल अधिकारी डॉ. रमाशंकर ने बताया कि गर्म पानी से स्नान से कोरोना से बचाव का कोई प्रमाण नहीं हैं। इसी तरह श्वांस रोकने का अभ्यास कोरोना से सुरक्षित होने का उपाय नहीं है। शंका होने पर सबसे पहले टेस्ट को ही प्राथमिकता देनी चाहिए। गुनगुना पानी का सेवन व गलाला करें। राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय कुशीनगर के प्रभारी चिकित्साधिकारी डॉ. संतराम मौर्य ने बताया कि ठंडे मौसम में गुनगुना व गर्मी में सामान्य पानी का ही प्रयोग करना चाहिए। नियमित अनुलोम-विलोम करने से फेफड़ा मजबूत होता है। इससे कुछ लाभ मिल सकता है। फिर भी सर्दी, खांसी बुखार होने पर भ्रामक बातों में न फंसें, कोरोना की जांच कराकर इलाज कराएं। मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. एनपी गुप्ता ने बताया कि गाइड लाइन के अनुसार लक्षण रहित कोरोना संक्रमित 10 दिन तक घर में अलग रहें। इसके तीन दिन पहले बुखार न आने की स्थिति में संक्रमण समाप्त माना जाएगा। इसके बाद सात दिनों तक रोगी घर पर ही रहकर स्वास्थ्य लाभ लें। शारीरिक दूरी के साथ स्वच्छता पर ध्यान देना होगा।