पराली जलाने की जांच उपग्रह से, हो रही कार्रवाई: डीएम
जिलाधिकारी डॉ. अनिल कुमार सिंह ने कहा कि खेतों में पराली जलाने की जांच उपग्रह से की जा रही है। अक्षांश व देशांतर के साथ पराली जलाने के चित्र मिल रहे हैं। ऐसे किसानों को चिन्हित कर कठोर कार्रवाई भी की जा रही है।
कुशीनगर: जिलाधिकारी डॉ. अनिल कुमार सिंह ने कहा कि खेतों में पराली जलाने की जांच उपग्रह से की जा रही है। अक्षांश व देशांतर के साथ पराली जलाने के चित्र मिल रहे हैं। ऐसे किसानों को चिन्हित कर कठोर कार्रवाई भी की जा रही है। सर्वोच्च न्यायालय भी पराली जलाने के मामलों की मानिटरिग कर रहा है।
जिलाधिकारी बुधवार को कलेक्ट्रेट में किसान दिवस की अध्यक्षता कर रहे थे। डीएम ने राष्ट्रीय हरित अधिकरण के अधिनियमों व दंड के प्रावधानों का जिक्र करते हुए खेत में धान के डंठल नहीं जलाने की हिदायत दी। उप कृषि निदेशक चौधरी अरुण ने बताया कि पिछले किसान दिवस के 16 मामलों में से नौ का निस्तारण कर दिया गया है। मलचर, स्ट्राचर, कटर कम स्प्रेडर, हैपी सीडर, एमबी प्लाऊ, रोटरी श्लैसर जैसे आधुनिक यंत्रों के बारे में बताते हुए इन पर दिए जा रहे अनुदान की चर्चा की। उप निदेशक ने बताया कि पीएम किसान निधि में किसान स्वयं डाटा फीडिग कर सकते हैं। बैंक खाता व एफएससी कोड में संशोधन होने पर सूचित करने की बात कही। वशिष्ठ बरनवाल ने जिन किसानों को यंत्र उपलब्ध हो गए हों उनकी सूची की मांग की। डीएम ने ऐसे किसानों की सूची उपलब्ध कराने के लिए जिला कृषि अधिकारी को निर्देशित किया। जिनके पास यंत्र उपलब्ध हो गए हों। किसान महेंद्र मणि त्रिपाठी ने सीड ड्रील व रोटावेटर की मांग की। इन्हें टोकन जारी किया गया। मुख्य विकास अधिकारी आनंद कुमार, भूमि संरक्षण अधिकारी, जिला गन्ना अधिकारी, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी, सहायक निबंधक सहकारिता, जिला प्रबंधक पीसीएफ, मत्स्य, रेशम, नलकूप, बाढ़ खंड, कृषि उत्पादन मंडी परिषद, सिचाई विभाग, फसल बीमा के अधिकारी, वैज्ञानिक व कृषक गण मौजूद रहे।