सेवाभाव से जुटे हैं चिकित्सक, दिख रहा जज्बा
लॉकडाउन से मरीजों की सेवाभाव में जुड़े सरकारी व निजी चिकित्सकों में बीमारों का इलाज करने का जज्बा कायम है। कोरोना संक्रमण के लगातार बढ़ रहे मरीजों के बीच डाक्टर सर्दी बुखार उल्टी दस्त समेत अन्य रोगों से पीड़ितों को परामर्श देने में जुटे हैं। इनके साथ पैरा मेडिकल स्टाफ भी डटा हुआ है।
कुशीनगर: लॉकडाउन से मरीजों की सेवाभाव में जुड़े सरकारी व निजी चिकित्सकों में बीमारों का इलाज करने का जज्बा कायम है। कोरोना संक्रमण के लगातार बढ़ रहे मरीजों के बीच डाक्टर सर्दी, बुखार, उल्टी, दस्त समेत अन्य रोगों से पीड़ितों को परामर्श देने में जुटे हैं। इनके साथ पैरा मेडिकल स्टाफ भी डटा हुआ है।
22 मार्च से अब तक कसया सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सक डॉ. मारकंडेय चतुर्वेदी अपने पैतृक फतेहपुर जनपद के हक गांव नहीं जा सके हैं। अतिरिक्त में सपहां व कुड़वा दिलीपनगर का प्रभार देख रहे डॉ. चतुर्वेदी की पत्नी डॉ. नेहा पाठक फतेहपुर में सीएचसी पर महिला चिकित्सक के रूप में तैनात हैं। पहली जुलाई को शादी के दो साल पूरे हो जाएंगे, लेकिन वे इस बार अपने पेशा के कारण वहां नहीं जा सकेंगे। बातचीत में कहते हैं कि शादी की सालगिरह अगली बार मना लेंगे, लेकिन इस परिस्थिति में वहां नहीं जा सकता है। कोरोना संक्रमितों से जुड़ी व्यवस्था को देखते हुए अस्पताल आए मरीजों को देखने से मना नहीं करते हैं, बल्कि उन्हें फिजिकल डिस्टेंसिग का अनुपालन करते हुए अस्पताल में भी देखते भी हैं। निरंतर कोरोना संक्रमितों की बढ़ रही संख्या के कारण अधिकतर डाक्टर मरीज नहीं देख रहे थे।
जनपद में किसी को नहीं मिला डॉ.बीसी राय अवार्ड
पडरौना: इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के सचिव डॉ. अजय कुमार शुक्ल व डॉ.जीपी राय ने बताया कि जनपद में किसी भी डाक्टर को डॉ.बीसी राय अवार्ड नहीं मिला है। कोशिश रहती है कि उन्हीं की तरह सेवाभाव से मरीजों को स्वस्थ किया जाए।