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गन्ना शोध संस्थान की बदहाली होगी दूर : डा. जेके

कुशीनगर : प्रमुख सचिव के निर्देश पर शुक्रवार को दोपहर बाद गन्ना शोध संस्थान शाहजहांपुर ने जायजा लिया।

By JagranEdited By: Published: Fri, 27 Apr 2018 11:31 PM (IST)Updated: Fri, 27 Apr 2018 11:31 PM (IST)
गन्ना शोध संस्थान की बदहाली होगी दूर : डा. जेके
गन्ना शोध संस्थान की बदहाली होगी दूर : डा. जेके

कुशीनगर : प्रमुख सचिव के निर्देश पर शुक्रवार को दोपहर बाद गन्ना शोध संस्थान शाहजहांपुर के निदेशक डा. जेके ¨सह ने गेंदा सिह गन्ना प्रजनन एवं अनुसंधान संस्थान बभनौली का औचक निरीक्षण किया। कहा कि संस्थान की बदहाली शीघ्र दूर होगी। इसके लिए शासन स्तर पर योजनाएं बन रही हैं। उन्होंने सख्त चेतावनी देते हुए कहा कि किसानों का हित सर्वोपरि है। इसके लिए यहां की बुनियादी ढांचा के सुधार के लिए रिपोर्ट तैयार कर शासन को भेजा जाएगा। कहा कि निदेशक पद पर मैं गत 17 अप्रैल को पद संभाला हूं। इस संस्थान से मेरा पुराना रिश्ता है। मेरा यहां आने का उद्देश्य बदहाल केंद्र का कायाकल्प कराना है। इसके लिए कर्मचारियों को अपने कार्यों को ईमानदारी व अनुशासन के साथ करना होगा। कर्मचारियों की समस्या का शीघ्र समाधान किया जाएगा, बशर्ते वे किसानों के लिए स्थापित केंद्र को किसानों के हित में कार्य करें। कहा कि इसके लिए एक टीम का गठन किया गया है, जो प्रदेश की दस संस्थानों की देखरेख करेंगी जिसमें शाहजहांपुर, मुजफ्फरनगर, सिरसा, गोला, अमहट, सुल्तानपुर, कटेया, गाजीपुर, बलरामपुर, पिपराइच, सेवरही व लक्ष्मीपुर सम्मलित है। हमारे स्तर से होने वाले कार्य को हम पूरा करने का काम करेंगे और जो शासन स्तर से होना होगा उसे रिपोर्ट प्रेषित कर शीघ्र समाधान करने का प्रयास किया जाएगा। उन्होंने वैज्ञानिक व कर्मचारियों को चेतावनी देते हुए कहा कि केंद्र का काम है किसानों को अच्छा से अच्छा बीज उपलब्ध कराना। शोध संस्थान की उपलब्धियों को गिनाते हुए कहा कि आज गन्ना किसानों में सीओ. 238,कोलक 94184. दोनों प्रजातियां पहली पसंद बनी हुई है। कर्मचारियों को कुर्सी टोड़ने पर सवाल उठाते हुए कहा कि फिल्ड वर्क पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए। जब हम ईमानदारी से अपने काम को अंजाम देगें तभी अन्य कर्मचारी उससें सबक लेगें। इसके पूर्व केंद्र प्रभारी डा. वाईपी भारती ने पूरे केंद्र का निरीक्षण कराया। बदहाल पाली हाउस, प्रयोगशाला, मशीनों की हालत में सुधार, शौचालय की स्थिति सड़क, गेस्ट हाउस, टिशू कल्चर, जर्जर कमरों का विधिवत जायजा लेते हुए सूचीबद्ध किए जाने का निर्देश दिया और विश्वास दिलाया कि जून माह तक यहां की स्थिति में बदलाव नजर आएगा। इस दौरान वरिष्ठ वैज्ञानिक श्रीमती अर्चना विष्ट, डा. कमल किशोर साहू, डा. केपी डा. सत्येंद्र कुमार, अनिल मिश्र, सुरेश राय, अर¨वद राय, अजय कुमार राय, रामजनक यादव, डा. विनय कुमार मिश्र, लगन प्रसाद, बच्चा राव, केके ¨सह, विवेक ¨सह, अतुल कुमार श्रीवास्तव, दिलीप ¨सह आदि उपस्थित रहे।

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