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शील व सदाचार की शिक्षा देता है बौद्ध धर्म

कुशीनगर: बौद्ध धर्म शील व सदाचार की शिक्षा देता है। यह समतावादी धर्म है। यह बातें जिलाधिकारी डॉ. अन

By JagranEdited By: Published: Sun, 20 Oct 2019 10:57 PM (IST)Updated: Sun, 20 Oct 2019 10:57 PM (IST)
शील व सदाचार की शिक्षा देता है बौद्ध धर्म
शील व सदाचार की शिक्षा देता है बौद्ध धर्म

कुशीनगर: बौद्ध धर्म शील व सदाचार की शिक्षा देता है। यह समतावादी धर्म है। यह बातें जिलाधिकारी डॉ. अनिल कुमार सिंह ने कही। वे रविवार को भदंत ज्ञानेश्वर बुद्ध विहार कुशीनगर में आयोजित बौद्ध महासम्मेलन व कठिन चीवर दान समारोह को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे।

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कहा कि अष्टांगिक मार्ग बुद्ध की प्रमुख शिक्षाओं में से एक है। यह दुखों से मुक्ति पाने व आत्मज्ञान के लिए साधन है। समारोह को भिक्षु विनय रखित, भिक्षु उदय भद्र, भंते शील प्रकाश, भंते चंदिमा, भंते महाकश्यप आदि ने भी संबोधित किया। अध्यक्षता भिक्षु सदानंद ने किया। संचालन अंतरराष्ट्रीय बौद्ध शोध संस्थान के पूर्व अध्यक्ष भंते नंदरतन व एडवोकेट अभय रतन बौद्ध ने किया। दीक्षा एबी ज्ञानेश्वर द्वारा दिया गया। आयोजक भंते महेंद्र ने स्वागत किया। नौ उपासिकाओं को माता विसखा सम्मान- 2019 व 11 उपासकों को अनाथपिडक सम्मान- 2019 से सम्मानित किया गया। बौद्ध संगठनों की राष्ट्रीय समन्वय समिति की ओर से भंते महेंद्र को बौद्ध धर्म के उन्नयन में सराहनीय भूमिका के लिए सम्मानित किया गया। एक हजार उपासक/उपसिकाओं को भी सम्मानित किया गया। गरीबों को वस्त्र वितरित किया गया। भंते विश्वकीíत, भंते बोधनंद, भंते आनंद, भंते मुलायम, भंते गांधी, डा. मैनेजर यादव, डा. एसके सिंह, उदय प्रताप सिंह, हरिशंकर राजभर, सुबोध, दयानाथ निगम, बालक दास, बीरेन कौशल, जयंत वासुवंधु, मंदादानी बेन, राजेश शाक्य, नंदरत्न शाक्य, पूर्वी शाक्य आदि उपस्थित रहे।


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