268 परिषदीय विद्यालय बनाए गए क्वारंटाइन केंद्र
रसोइया बना रहीं भोजन शिक्षक कर रहे मॉनीटरिग -268 केंद्रों पर स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं दो हजार लोग
पडरौना, कुशीनगर: कोरोना महामारी के संकट से निपटने के लिए बेसिक शिक्षा विभाग ने कमर कस ली है। प्रधानमंत्री राहत कोष में एक दिन के वेतन मद का एक करोड़ रुपये देने के बाद विभाग सक्रिय हो गया है। बाहर से आए लोगों को आइसोलेट करने के लिए जिले के 268 परिषदीय विद्यालयों को सेफ हाउस बनाया गया है। इन केंद्रों पर दो हजार लोग स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं।
खंड विकास अधिकारी व ग्राम विकास अधिकारी के साथ मिलकर विभाग के शिक्षक और रसोइया क्वारंटाइन केंद्र पर आइसोलेट किए जा रहे लोगों के भोजन तथा सोने की व्यवस्था कर रहे हैं। खड्डा ब्लाक में सर्वाधिक 41 विद्यालयों को क्वारंटाइन केंद्र बनाया गया है। खड्डा में 477, पडरौना में 129, कसया में 104, फाजिलनगर में 90 लोग आइसोलेट हो रहे हैं। यह स्थानीय लोग हैं जो लॉक डाउन के पश्चात देश के विभिन्न प्रांतों से अपने घर आए हैं।
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इतने विद्यालय बने केंद्र
-जिले के 300 परिषदीय विद्यालयों में पडरौना ब्लाक में 14 विद्यालय, दुदही में नौ, सेवरही में दो, तमकुहीराज में 11, फाजिलनगर में 19, कसया में 10, हाटा में 31, सुकरौली में 26, मोतीचक में 19, कप्तानगंज में 27, रामकोला में 13, नेबुआ नौरंगिया में 29, खड्डा में 41, विशुनपुरा में 17 परिषदीय विद्यालय क्वारंटाइन केंद्र बनाए गए हैं।
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रसोइया बना रही भोजन
-परिषदीय विद्यालयों में बनाए गए क्वारंटाइन केंद्र पर संबंधित विद्यालयों में कार्यरत रसोइया भोजन तैयार करेंगी। यहां तैनात शिक्षक संपूर्ण व्यवस्था की मॉनीटरिग करेंगे। कितने लोग सेंटर पर भर्ती किए गए और कितने लोगों को क्वारंटाइन के बाद छोड़ दिया गया। इसकी रिपोर्ट हर रोज संबंधित को भेजेंगे।
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यह मिलेगी सुविधाएं
-क्वारंटाइन सेंटर बनाए गए इन विद्यालयों में बिजली, पानी, शौचालय की व्यवस्था मुकम्मल करा ली गई है। भोजन के लिए खाद्यान्न व्यवस्था की जिम्मेदारी खंड विकास अधिकारी के माध्यम से संबंधित गांव के ग्राम विकास अधिकारी को सौंपी गई है। ग्राम पंचायत से समन्वय स्थापित कर सहयोग किया जा रहा है।
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-संकट के इस घड़ी में बेसिक शिक्षा विभाग समर्पित है। क्वारंटाइन केंद्रों की निगरानी की जा रही है कि कहीं कोई त्रुटि न हो। सभी विकास खंडों में आवश्यकता अनुसार सेफ हाउस बनाए गए हैं। बीईओ, एसएमसी, शिक्षक व रसोइया ग्राम पंचायतों से समन्वय स्थापित कर मदद कर रहे हैं।
-विमलेश कुमार, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, कुशीनगर