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बुद्ध ने नहीं किया सनातन धर्म का विरोध: पं. राधेश्याम

कुशीनगर: श्रीधाम वृंदावन से आए कथावाचक पं. राधेश्याम शास्त्री ने कहा कि भगवान बुद्ध सनातन धर्म क

By JagranEdited By: Published: Wed, 31 Jan 2018 11:10 PM (IST)Updated: Wed, 31 Jan 2018 11:10 PM (IST)
बुद्ध ने नहीं किया सनातन धर्म का विरोध: पं. राधेश्याम

कुशीनगर: श्रीधाम वृंदावन से आए कथावाचक पं. राधेश्याम शास्त्री ने कहा कि भगवान बुद्ध सनातन धर्म के दसवें अवतार हैं। बुद्ध ने सनातन धर्म का विरोध नहीं किया, बल्कि इसमें आई कुरीतियों का विरोध किया। यहीं से यह एक पंथ बन गया। शास्त्री बुद्ध मंदिरों का दर्शन व पूजन-वंदन करने के बाद लोगों को संबोधित कर रहे थे। कहा कि देश में कई शक्तियां हमारे धर्म को विकृत करने का कार्य किया, लेकिन अच्छाई के कारण सनातन धर्म का कोई नुकसान तो नहीं हुआ, पर नुकसान करने वाली उन शक्तियों का अंत जरूर हो गया। इस धर्म ने सबकी अच्छाइयों को ग्रहण किया। हिरण्यकश्यप और कंस ने भी सनातन धर्म का नुकसान किया, वे भी समाप्त हो गए। कहा कि कुशीनगर भगवान बुद्ध की परिनिर्वाण स्थली होने के कारण अत्यंत पवित्र व पूजनीय है। बुद्ध स्थली मोक्षदायिनी है। शास्त्री ने महापरिनिर्वाण बुद्ध मंदिर, माथाकुंवर बुद्ध मंदिर, रामाभार स्तूप आदि का दर्शन, पूजन व वंदन किया। डा. अभय कुमार राय ने गाइड की भूमिका निभाई। इस दौरान उमेश उपाध्याय, सुरेश प्रसाद गुप्त, रंजन बाबू अवस्थी, कृष्ण मुरारी जायसवाल, गोपाल झा, सूरज यादव, सर्वेश यादव आदि उपस्थित रहे।

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