तरयासुजान में गला काटकर पति-पत्नी की नृशंस हत्या
तरयासुजान थाने के परसौनी बुजुर्ग गांव के सियरहा टोला में सोमवार की आधी रात को रंजिश में एक मनबढ़ ने घर में घुसकर अधेड़ बुधन राजभर व उसकी पत्नी सनकेशिया की गला काट कर नृशंस हत्या कर दी। चीख सुनकर मौके पर पहुंची बेटी सावित्री पर भी हत्यारे ने प्रहार किया।
कुशीनगर जेएनएन : तरयासुजान थाने के परसौनी बुजुर्ग गांव के सियरहा टोला में सोमवार की आधी रात को रंजिश में एक मनबढ़ ने घर में घुसकर अधेड़ बुधन राजभर व उसकी पत्नी सनकेशिया की गला काट कर नृशंस हत्या कर दी। चीख सुनकर मौके पर पहुंची बेटी सावित्री पर भी हत्यारे ने प्रहार किया। संयोग ठीक रहा कि वह बच निकली। मौके पर पुलिस के पहुंचते ही आक्रोशित ग्रामीण उग्र हो गए। घटना के लिए वह पुलिस को दोषी ठहरा रहे थे। स्थिति नियंत्रण से बाहर होती देख पुलिस कर्मियों ने इसकी सूचना उच्चाधिकारियों को दी। कई थानों की पुलिस पहुंची तब स्थिति सामान्य हुई।
55 वर्षीय बुधन राजभर मजदूरी कर घर चलाता था। पांच बच्चों में (तीन बेटियां व दो बेटों) सभी की शादी हो चुकी है। बेटों का परिवार गांव में ही अलग झोपड़ी मे रहता है। दोनों बेटे गुजरात के राजकोट में मजदूरी करते हैं। छोटी बेटी सावित्री ससुराल से कुछ दिन पहले ही मायके आई है। सोमवार की रात नौ बजे खाना खाकर सभी सोए थे। आधी रात को पिता की चीख सुनकर थोड़ी दूरी पर सो रही सावित्री जब पास गई तो देखी कि गांव का ही रमाशंकर राजभर बकिया से उनके गले पर प्रहार कर रहा है। बगल में मां भी घायल पड़ी है। सावित्री को देख रमाशंकर ने उस पर भी प्रहार किया। किसी तरह भाग कर सावित्री ने अपनी जान बचाई। उसकी शोर सुनकर आस-पास के लोग मौके पर पहुंचे तो बुधन व उसकी पत्नी सनकेसिया का शव खून से लथपथ पड़ा था। अवाक ग्रामीणों ने सूचना पुलिस को दी। प्रभारी निरीक्षक धर्मेंद्र कुमार सिंह पुलिस बल के साथ पहुंचे। शव को कब्जे में लेने का प्रयास किया तो आक्रोशित ग्रामीणों ने रोक दिया। वे एसपी को बुलाने की मांग कर रहे थे। उनकी सूचना पर थोड़ी ही देर में सीओ फूलचंद कन्नौजिया व सर्किल के थानों की पुलिस पहुंच गई। एसपी ने बताया कि आरोपित रमाशंकर व हत्या की साजिश में शामिल गांव की ही महिला छठी के विरुद्ध हत्या का मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। दोनों की तलाश में तीन टीमें लगा दी गई हैं। शीघ्र उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
ग्रामीणों के मुताबिक 2007 में भूमि विवाद में रमाशंकर ने चाचा चंद्रबली की भी गला रेत कर हत्या कर दी थी। बुधन इसमें गवाह था। चार साल बाद जमानत पर छूटने के बाद से ही रमाशंकर बुधन को धमकी देने के साथ गवाही न देने का दबाव बना रहा था। बुधन ने इसकी शिकायत लगातार पुलिस से की लेकिन पुलिस ने गंभीरता से नहीं लिया। रविवार को रमाशंकर ने गांव के चौराहे पर बुधन की पिटाई कर दी। बुधन ने उसी दिन थाने पहुंच इसकी जानकारी दी। रात को पुलिस रमाशंकर को पकड़कर थाने ले गई और कार्रवाई के नाम पर शांतिभंग में चालान कर दिया। सोमवार को जमानत करा वह घर लौटा और रात में इस घटना को अंजाम दे दिया।