न्याय दिलाने में अधिवक्ता की भूमिका महत्वपूर्ण : एसीजेएम
अधिवक्ताओं को निरंतर अध्ययन की आवश्यकता है। लाइब्रेरी इसके लिए कारगर उपाय है। संसाधनों की कमी केवल निचले अदालतों में नहीं उच्च न्यायालय में भी है। वादकारियों के प्रति बेंच से अधिक अधिवक्ता की जवाबदेही होती है। इस कारण अधिवक्ता को सतर्क रहकर कार्य करने की जरूरत है।
कुशीनगर : अधिवक्ताओं को निरंतर अध्ययन की आवश्यकता है। लाइब्रेरी इसके लिए कारगर उपाय है। संसाधनों की कमी केवल निचले अदालतों में नहीं, उच्च न्यायालय में भी है। वादकारियों के प्रति बेंच से अधिक अधिवक्ता की जवाबदेही होती है। इस कारण अधिवक्ता को सतर्क रहकर कार्य करने की जरूरत है।
यह बातें एसीजेएम विमल वर्मा ने कही। वह सोमवार को कुशीनगर सिविल कोर्ट बार एसोसिएशन के नवनिर्वाचित पदाधिकारियों के शपथ ग्रहण समारोह को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। कहा कि फरियादी कोर्ट में न्याय के लिए आते हैं। उन्हें न्याय दिलाना हमारी जिम्मेदारी है।
विशिष्ट अतिथि विधायक रजनीकांत मणि त्रिपाठी ने कहा कि बार व बेंच का आपसी तालमेल होना चाहिए। वादकारियों को न्याय दिलाना ही अधिवक्ता का कर्तव्य है। डीएम डॉ. अनिल कुमार सिंह ने कहा कि न्याय सुनिश्चित और समय से होना चाहिए।
सदस्य बार काउंसिल उप्र अरुण त्रिपाठी, एड. उमेश चंद दत्त राय, सुरेंद्र किशोर लाल, अवधेश पांडेय, आरके शाही, ओंकार नाथ पांडेय, अशोक राय, ओम प्रकाश सिंह व रविद्र मणि त्रिपाठी ने भी संबोधित किया।
अध्यक्षता निवर्तमान अध्यक्ष बद्रीनारायण दूबे ने की, संचालन जलज कुमार सिंह व राकेश श्रीवास्तव ने संयुक्त रूप से किया। प्रो. रामजी लाल श्रीवास्तव, सुधीर राव, राजेंद्र लाल श्रीवास्तव, महंथ गोपाल दास, दिव्यप्रकाश मणि त्रिपाठी आदि उपस्थित रहे।
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पद एवं गोपनीयता की ली शपथ
-एसीजेएम ने नवनिर्वाचित अध्यक्ष विरेंद्र कुमार श्रीवास्तव, वरिष्ठ उपाध्यक्ष रमेश वर्मा, महामंत्री आनंद राय, उपाध्यक्ष जयप्रकाश यादव, वशिष्ठ सिंह, प्रेमशंकर लाल श्रीवास्तव, प्रशांत कुशवाहा, बाल्मिकी राय, राजू गौतम, राजनारायण राय, अजीत पाठक, जयप्रकाश शाही, शिव शंकर यादव, मनोज यादव व विरेंद्र तिवारी को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई।