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राजनीति की दिशा बदलने का मन बना रहे युवा मतदाता

जनपद में होने वाले त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में इस बार उम्रदराज प्रत्याशियों के अलावा युवा प्रत्याशी भी मैदान में है।युवा वोटरों का मानना है कि युवा प्रत्याशियों में अपार ऊर्जा का भंडार होती है। वह गांवों की राजनीति को बदलने मादा भी रखते है । इस डिजिटल युग मे वही गांव का युवा ही कर सकता है। युवाओं के मैदान में कूदने से गवई गांव की राजनीति में नया मोड़ आने की संभावना को नकारा नही जा सकता है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 10 Apr 2021 10:58 PM (IST)Updated: Sat, 10 Apr 2021 10:58 PM (IST)
राजनीति की दिशा बदलने का मन बना रहे युवा मतदाता
राजनीति की दिशा बदलने का मन बना रहे युवा मतदाता

संसू, अर्का : जनपद में होने वाले त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में इस बार उम्रदराज प्रत्याशियों के अलावा युवा प्रत्याशी भी मैदान में है।युवा वोटरों का मानना है कि युवा प्रत्याशियों में अपार ऊर्जा का भंडार होती है। वह गांवों की राजनीति को बदलने मादा भी रखते है । इस डिजिटल युग मे वही गांव का युवा ही कर सकता है। युवाओं के मैदान में कूदने से गवई गांव की राजनीति में नया मोड़ आने की संभावना को नकारा नही जा सकता है।

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चुनाव का बिगुल बजने के बाद से गांव में चुनावी सरगर्मी तेज हो गई है। चुनाव आयोग द्वारा जनपद में 29 अप्रैल को मतदान की तिथि निर्धारित किया है। जनपद के लगभग सभी गांवों में पुराने और अनुभवी प्रत्याशियों के सामने युवा प्रत्याशी चुनाव लड़ रहे हैं। वोटरों का मानना है कि इस डिजिटल युग में जानकारी और तकनीकी ज्ञान के अभाव में पुराने उम्रदराज प्रधान सचिव ब्लॉक कर्मियों के हाथ की कठपुतली बन कर रह जाते है। जिसके चलते गांव का समुचित विकास होना संभव नही है। अगर तकनीकी ज्ञान से लैस युवा गांव का मुखिया बनेगा तभी गांव का समुचित विकास हो पाएगा।

पिछले चुनावों में कई गांवों में अंगूठा छाप को मतदाताओं ने प्रधान चुना था। जो पूरी तरह बिचौलियों के हाथ की कठपुतली बनकर रह गए थे, लेकिन इस बार हम युवाओं की टोली बनाकर लोगो को जागरूक कर रहे है। युवा शिक्षित उम्मीदवार को चुनने की अपील कर रहे है

राजीव त्रिपाठी, म्योहर

इस डिजिटल युग मे अनपढ़ व उम्रदराज को प्रधान चुनना गांव के लिए बेइमानी साबित होगा ।गांव का भला युवा ही कर सकता है और हम अपने गांव में युवा मुखिया बना कर ही रहेंगे ।

शिवकांत, म्योहर

बीते कार्यकाल में कुछ प्रधान ऐसे भी हुए है जो कभी सीडीओ ,डीपीआरओ कार्यालय का मुंह तक नही देखा होगा। सारा काम सचिव के जिम्मे सौपकर कमीशन वसूलने में ही मस्त रहे। सचिव का गांव के लोगों से क्या लेना देना ।अगर युवा प्रधान होगा तभी हर जगह पहुंच कर गांव के विकास का कार्य कर सकेगा। मेरा वोट सिर्फ युवा प्रत्याशी को ही मिलेगा।

विपिन वर्तमान समय मे ग्राम पंचायतों का अधिकांश काम डिजिटल माध्यम से होता है। तकनीकी ज्ञान के अभाव में प्रधान को विकास कार्यो में बिचौलियों का सहारा लेना पड़ता है। हम शिक्षित और युवा प्रत्याशी को ही प्रधान चुनने का संकल्प ले रखा है।

लवकुश सिंह, म्योहर


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