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शहीद की तस्वीर सीने से लगाकर रोती रही पत्नी अनीता

छत्तीसगढ़ में नक्सलियों से मुठभेड़ में शहीद हुए जवान कामता प्रसाद के पार्थिव शरीर का इंतजार दूसरे दिन भी देर शाम तक परिवार के लोग करते रहे। शहीद जवान की तस्वीर सीने से चिपका कर पत्नी अनीता दहाड़े मारकर रोती रही। मां बेसुध हाल में तो पिता ग्रामीणों के साथ बैठकर उसके बचपन को याद करते रहे।

By JagranEdited By: Published: Fri, 08 Nov 2019 11:37 PM (IST)Updated: Fri, 08 Nov 2019 11:37 PM (IST)
शहीद की तस्वीर सीने से लगाकर रोती रही पत्नी अनीता
शहीद की तस्वीर सीने से लगाकर रोती रही पत्नी अनीता

संसू, पश्चिम शरीरा : छत्तीसगढ़ में नक्सलियों से मुठभेड़ में शहीद हुए जवान कामता प्रसाद के पार्थिव शरीर का इंतजार दूसरे दिन भी देर शाम तक परिवार के लोग करते रहे। शहीद जवान की तस्वीर सीने से चिपका कर पत्नी अनीता दहाड़े मारकर रोती रही। मां बेसुध हाल में तो पिता ग्रामीणों के साथ बैठकर उसके बचपन को याद करते रहे।

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महेवाघाट थाना क्षेत्र के अलवारा रघु प्रसाद का इकलौता बेटा कामता प्रसाद सीआरपीएफ में वर्ष 2011 में भर्ती हुआ था। 151वीं बटालियन में वह छत्तीसगढ़ में तैनात थे। गुरुवार की भोर बीजापुर के जारपल्ली के जंगल में हुए नक्सली मुठभेड़ के दौरान कामता प्रसाद शहीद हो गए। इसकी खबर परिवार के लोगों को हुई तो मातम छा गया। गमगीन माहौल में गुरुवार को सारा दिन शहीद जवान के घर ग्रामीणों का आना-जाना लगा रहा। पिता रघु प्रसाद मां श्याम कली व पत्नी अनीता को ग्रामीण ढांढस बंधाते रहे। वहीं गांव के लोग भी उसके व्यक्तित्व को याद कर गमगीन रहे। वहीं गांव के लोग पार्थिव शरीर ला रहे सीआरपीएफ के अफसरों से लोकेशन लेते रहे। पिता रघु ने बताया कि शुक्रवार की शाम करीब पांच बजे विमान के जरिए पार्थिव शरीर लखनऊ लाया गया है। इसके बाद वाहन के जरिए शहीद जवान को लेकर सीआरपीएफ के अफसर आ रहे हैं। देर रात पार्थिव शरीर आने की संभावना है। वहीं परिवार वालों का रो-रो कर बुरा हाल है। शहीद कामता प्रसाद की मां श्याम कली बिलखती रहीं। वह चारपाई पर पथराई आंखों से अपने लाडले के आने का इंतजार कर रही है। पिता रघु सरोज गांव के लोगों के साथ बैठकर अपने बेटे की पिछली जिदगी के बारे में चर्चा करता रहा। बीच-बीच में उसकी आंखों में आंसू आते रहे और गांव के लोग ढांढस बंधाते रहे। पत्नी अनीता की आंखों से तो आंसू दो दिन से लगातार थम नहीं रहे हैं। वह दहाड़े मारकर रोती जा रही है। गांव की महिलाएं व युवतियां समझाने का प्रयास कर रही हैं कि उसकी तबियत खराब हो जाएगी, लेकिन वह अपने पति को जेहन से नहीं हटा पा रही है।


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