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रामसूरत के कातिल कौन… गुत्थी सुलझाने में उलझी पुलिस, नामजद आरोपियों को छोड़ खून के रिश्तों पर शक की सुई

पश्चिम शरीरा क्षेत्र के देवरी गांव में बुधवार की रात धारदार हथियार से वार कर की गई रामसूरत की हत्या के मामले में पुलिस अभी तक कातिलों का सुराग नहीं लगा पाई है। जिन नामजद आरोपियों पर केस दर्ज था उनके खिलाफ पुलिस को कोई पुख्ता सबूत या साक्ष्य नहीं मिले हैं। लिहाजा पुलिस के शक की सुई अब मृतक के अपनों पर घूमी हुई है।

By Vikas Malviya Edited By: Shivam Yadav Published: Mon, 18 Mar 2024 08:42 PM (IST)Updated: Mon, 18 Mar 2024 08:42 PM (IST)
रामसूरत के कातिल कौन… गुत्थी सुलझाने में उलझी पुलिस।

जागरण संवाददाता, कौशांबी। पश्चिम शरीरा क्षेत्र के देवरी गांव में बुधवार की रात धारदार हथियार से वार कर की गई रामसूरत की हत्या के मामले में पुलिस अभी तक कातिलों का सुराग नहीं लगा पाई है। जिन नामजद आरोपियों पर केस दर्ज था, उनके खिलाफ पुलिस को कोई पुख्ता सबूत या साक्ष्य नहीं मिले हैं। लिहाजा पुलिस के शक की सुई अब मृतक के अपनों पर घूमी हुई है। वहीं, पुलिस अफसरों का दावा है कि जल्द ही मामले का पर्दाफाश कर दिया जाएगा।

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यह है पूरा मामला

देवरी निवासी रामसूरत खेती करते थे। बुधवार की रात वह बेटे अंकित व धर्मेंद्र के साथ खेत में फसल की सिंचाई करने के लिए गए थे। इस बीच वह घर से बेटों के लिए खाना लेने चला गया। कुछ देर बाद आया और बेटों को खाना खिलाने के बाद फिर से घर के लिए रवाना हो गया। इस बीच उसकी हत्या कर दी गई। 

सुबह कुछ लोगों ने देखा कि खेत से पांच सौ मीटर दूर रामसूरत की पशुबाड़ा के बाहर लाश पड़ी हुई है। मृतक का पहले गला दबाया गया। इसके बाद धारदार हथियार से चेहरा, सीना व सिर पर वार किया गया। 

ननिहाल में मिली थी जमीन

मृतक की पत्नी प्रभा के मुताबिक, भेलखा गांव में उनके पति की ननिहाल थी। वहां भी जमीन का कुछ हिस्सा रामसूरत को मिला था, जिसका विरोध ममेरे भाई किया करते थे। प्रभा की तहरीर पर भेलखा निवासी हरिश्चंद्र व मूलचंद्र मौर्य के खिलाफ पुलिस ने केस दर्ज किया। दोनों को पकड़कर पुलिस ने पूछताछ की और उनके मोबाइल की सीडीआर निकाली। कोई भी ऐसा साक्ष्य नहीं मिल सका, जिससे घटना वाले दिन उनकी लोकेशन देवरी में रही हो। 

इसके बाद पुलिस ने जांच की दिशा मृतक के परिवार की ओर मोड़ दी। गोपनीय तरीके से जांच कर रही पुलिस ने संदेह के दायरे में आये बेटे धर्मेंद्र व अंकित से अलग-अलग पूछताछ की, जिसमें दोनों के बयान में अंतर है। 

पुलिस का दावा है कि पोस्टमार्टम के दौरान ही कुछ बाल मृतक के शरीर से मिले थे। जिसकी जांच कराई गई तो पता चला कि वह बेटा अंकित का है। इस संबंध में थानाध्यक्ष धीरेंद्र सिंह का कहना है कि अहम साक्ष्य हाथ लगे हैं, जल्द ही मामले का पर्दाफाश कर दिया जाएगा।


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