राम नाम जपकर अज्ञानी से ज्ञानी बने तुलसीदास
जासं कौशांबी राम के नाम का जाप करके ही तुलसीदास अज्ञानी से ज्ञानी बन सके। कलयुग में जहां श्रीराम का नाम लेने से मनुष्य का उद्धार होता है वहीं गृह क्लेशों से छुटकारा भी मिलेगा। राम से अधिक उनके नाम में संपूर्ण विश्व का रहस्य छिपा हुआ है। यह बातें रविवार को यमुना किनारे महेवाघाट की रत्नावली नगरी में रामकथा में संत मोरारी बापू ने कहीं।
जासं, कौशांबी : राम के नाम का जाप करके ही तुलसीदास अज्ञानी से ज्ञानी बन सके। कलयुग में जहां श्रीराम का नाम लेने से मनुष्य का उद्धार होता है, वहीं गृह क्लेशों से छुटकारा भी मिलेगा। राम से अधिक उनके नाम में संपूर्ण विश्व का रहस्य छिपा हुआ है। यह बातें रविवार को यमुना किनारे महेवाघाट की रत्नावली नगरी में रामकथा में संत मोरारी बापू ने कहीं।
उन्होंने कहा कि राम के नाम में इतनी शक्ति है कि उनके नाम का जाप करते हुए ऋषि वाल्मीकि और संत तुलसीदास अज्ञानी से महान ज्ञानी बने और रामायण और रामचरितमानस की रचना की। राम का नाम सत्य है, वह मनुष्य को सत्य के मार्ग पर लेकर जाता है। हर धर्म के व्यक्ति को जब कभी समय मिले तो ईष्ट को याद करना चाहिए। रामकथा और विस्तार दोनों अनंत हैं। निर्मल विचार सुनने के बाद चुनो, यही रामकथा का सार है। ऐश्वर्य, यश, श्री (लक्ष्मी), धैर्य, ज्ञान, वैराग्य भगवान के ही रूप हैं। समस्त प्रकट व अप्रकट चेतनाओं को प्रणाम करते हुए अंतिम दिन बापू ने व्यासपीठ से किष्किन्धा कांड, सुंदर कांड, लंका कांड और उत्तर कांड के प्रसंगों को सुनाया।
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सत्य की हमेशा होती है जीत
बापू ने बताया कि हर कथा का विस्तार सत्य, प्रेम और करुणा है। सत्य धर्म है जिसकी हमेशा जीत होती है। प्रेम प्रभाव है। करुणा अजेय है अर्थात जो पराजित भी नहीं हो सकती और न ही कोई इसे जीत सकता है। धर्म सदैव जीतता है।
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मानस रत्नावली को समर्पित
रविवार को रामकथा की पूर्णाहुति पर मोरारी बापू ने 'मानस रत्नावली' रामकथा का फल मां रत्नावली के चरणों को अर्पित किया। रामकथा से आनंदित आखिरी दिन रविवार को मोरारी बापू ने व्यासपीठ से कहा कि मां रत्नावली की नगरी में रामकथा से मैं आनंदित हूं। किसी न किसी कांड में मानस रामकथा का कोई न कोई सूत्र मानव जीवन में आपकी मदद कर सकता है।