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ओडीएफ गांव भोजपुर के शौचालयों में भरे हैं कंडे

विकास खंड चायल के भोजपुर गांव को पंचायतीराज विभाग ने कागजों पर ओडीएफ घोषित कर दिया गया है लेकिन हकीकत में जर्जर और बदहाल शौचालय का प्रयोग गांव के लोग कंडे रखने में कर रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Fri, 17 Jul 2020 11:25 PM (IST)Updated: Fri, 17 Jul 2020 11:25 PM (IST)
ओडीएफ गांव भोजपुर के शौचालयों में भरे हैं कंडे
ओडीएफ गांव भोजपुर के शौचालयों में भरे हैं कंडे

कौशांबी : विकास खंड चायल के भोजपुर गांव को पंचायतीराज विभाग ने कागजों पर ओडीएफ घोषित कर दिया गया है, लेकिन हकीकत में जर्जर और बदहाल शौचालय का प्रयोग गांव के लोग कंडे रखने में कर रहे हैं। इतना ही नहीं, तमाम शौचालय अधूरे पड़े हैं। लोग खुले में शौच जा रहे हैं।

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जिले को करीब एक साल पहले ओडीएफ यानी खुले में शौच मुक्त घोषित किया जा चुका है। जबकि हकीकत यह है कि गांव में आधी से ज्यादा आबादी खुले में ही शौच के लिए मजबूर है। जो शौचालय बने ग्रामीण शौचालय में लकड़ी, भूसा, कंडे आदि रखते हैं। यह तस्वीर किसी एक गांव की नहीं है। लगभग हर गांव में सरकारी शौचालयों का यही हाल है। उदाहरण के लिए चायल के भोजपुर को देखा जाए तो यहां स्वच्छ भारत मिशन के तहत बनाए गए शौचालय अब भी अधूरे हैं। जो शौचालय बने भी हैं वे इस कदर जर्जर और खस्ताहाल हैं कि उनमें लोगों ने कंडे व लकड़ी आदि भर रखा है। लोग खुले में शौच जा रहे। गांव के संतोष कुमार, सोमनाथ, गणेश, राजेंद्र प्रसाद, राहुल ने बताया कि 250 आबादी वाले भोजपुर गांव में प्रधान व सचिव ने महज 25 शौचालय पूरी तरह से निर्माण कराया। बाकी शौचालय अधूरे पड़े हैं। लोग खुले में शौच जाने के लिए मजबूर हैं। गांव के चारों ओर गंदगी फैली रहती है। इससे लोगों को समस्या भी हो रही है लेकिन सचिव व प्रधान ध्यान नहीं दे रहे हैं। होगी जांच और कार्रवाई

- इस संबंध में डीपीआरओ गोपाल जी ओझा का कहना है कि जिले की सभी ग्राम पंचायतों को ओडीएफ घोषित कर दिया गया है। लोगों को शौचालय का प्रयोग करने के लिए जागरूक किया जा रहा है। भोजपुर गांव के कुछ शौचालय अभी निर्माणाधीन हैं व कई शौचालयों का प्रयोग नहीं हो रहा तो मामला गंभीर है। जांच कर कार्रवाई की जाएगी।


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