Move to Jagran APP

नियमित गांव न आने पर टेंगाई का सफाईकर्मी निलंबित

सिराथू तहसील के जलालपुर टेंगाई गांव में विकास कार्यों में गड़बड़ी की शिकायत हुई थी। शुक्रवार को जांच के लिए डीपीआरओ गांव पहुंचे। उन्होंने निरीक्षण के दौरान कुछ गड़बड़ी पाई। इसको लेकर सचिव से जवाब मांगा है। इसके साथ ही गांव में सफाईकर्मी के नियमित न आने पर उसे निलंबित कर दिया। गांव के वित्तीय अभिलेखों की जांच के लिए पत्रावली भी मांगी गई है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 22 Jan 2021 10:33 PM (IST)Updated: Fri, 22 Jan 2021 10:33 PM (IST)
नियमित गांव न आने पर टेंगाई का सफाईकर्मी निलंबित

कौशांबी : सिराथू तहसील के जलालपुर टेंगाई गांव में विकास कार्यों में गड़बड़ी की शिकायत हुई थी। शुक्रवार को जांच के लिए डीपीआरओ गांव पहुंचे। उन्होंने निरीक्षण के दौरान कुछ गड़बड़ी पाई। इसको लेकर सचिव से जवाब मांगा है। इसके साथ ही गांव में सफाईकर्मी के नियमित न आने पर उसे निलंबित कर दिया। गांव के वित्तीय अभिलेखों की जांच के लिए पत्रावली भी मांगी गई है।

loksabha election banner

जलालपुर टेंगाई निवासी सोहनलाल ने कुछ दिनों पहले गांव में हुए विकास कार्यों में गड़बड़ी की शिकायत की थी। उनका आरोप था कि प्रधान के स्थान पर कोई दूसरा विकास कार्यों का संचालन करता है। गांव में लोगों की जाति बदलकर आवास दिया गया है। सफाई कार्यों का संचालन भी ठीक ढंग से नहीं किया जा रहा है। शिकायत पर शुक्रवार को डीपीआरओ गोपालजी ओझा जांच के लिए गांव पहुंचे। उन्होंने पाया कि गांव में खड़ंजा व नाली का निर्माण किया गया है। जल निकासी के लिए रमाशंकर के घर से जउवा तालाब तक अंडरग्राउंड नाली का निर्माण कराया गया है, जो बेहतर था। गांव में सफाई व्यवस्था सही नहीं थी। जांच के दौरान गांव के लोगों ने बताया कि यहां दो सफाई कर्मचारी तैनात हैं। सफाई कर्मचारी रामानंद नियमित गांव नहीं आता। इस पर डीपीआरओ ने रामानंद को निलंबित कर दिया। गांव में बीएलएस के 422 व एलओबी के चार शौचालय निर्माण को धनराशि जारी हुई थी। कुछ शौचालय को डीपीआरओ ने देखा तो उनकी स्थिति सही मिली। गांव के गुलजारी, ज्ञान सिंह, केशनी व देशराज के नाम पर 2019-2020 में आवास योजना का लाभ दिया गया है। इनकी जाति में किसी प्रकार का परिवर्तन नहीं किया गया। पूर्व में गुलजारी की मां घसिटिया के नाम पर प्रधानमंत्री आवास की स्वीकृति मिली थी। मां-बेटे के नाम पर आवास निर्गत करने पर उन्होंने गांव के सचिव से जवाब मांगा है। इस संबंध में डीपीआरओ गोपालजी ओझा ने बताया कि गांव की जांच में कुछ शिकायतें सही मिलीं तो कुछ गलत पाई गई हैं। अभी तक गांव के वित्तीय अभिलेखों की जांच नहीं हुई है। इसके जांच होने के बाद ही फाइनल रिपोर्ट तैयार होगी। जो भी दोषी होगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.