वेतन न मिलने से शिक्षकों का त्योहार फीका, पांच हजार अध्यापकों को नहीं मिली तनख्वाह
शिक्षा परिषद के कौशांबी जनपद में करीब पांच हजार से ज्यादा शिक्षकों को सितंबर महीने का वेतन नहीं मिल सका है। शुक्रवार को नवरात्र की समाप्ति के बाद दशहरा जैसा प्रमुख त्योहार होने के बावजूद शिक्षकों को वेतन न मिलने से शिक्षकों में आक्रोश है। बेसिक शिक्षा निदेशालय के प्रयास के बावजूद बुधवार को भी शासन से वेतन की की ग्रांट जारी नहीं हो सकी।
कौशांबी। शिक्षा परिषद के कौशांबी जनपद में करीब पांच हजार से ज्यादा शिक्षकों को सितंबर महीने का वेतन नहीं मिल सका है। शुक्रवार को नवरात्र की समाप्ति के बाद दशहरा जैसा प्रमुख त्योहार होने के बावजूद शिक्षकों को वेतन न मिलने से शिक्षकों में आक्रोश है। बेसिक शिक्षा निदेशालय के प्रयास के बावजूद बुधवार को भी शासन से वेतन की की ग्रांट जारी नहीं हो सकी।
बताते हैं कि त्योहार के मौसम में शिक्षकों को वेतन न मिलने से काफी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। सामान्यत: परिषदीय विद्यालयों के शिक्षकों को हर महीने की पांच से छह तारीख तक वेतन का भुगतान हो जाता है। अक्टूबर माह में मिलने वाले वेतन के लिए शासन की ओर से की गई लेट लतीफी के चलते वेतन की ग्रांट मंजूर नहीं हो सकी है। 13 अक्तूबर तक शिक्षकों को वेतन का भुगतान नहीं हुआ है। शासन से बुधवार शाम तक वेतन की ग्रांट जारी नहीं हुई थी। कड़ा विकास खंड के ब्लाक अध्यक्ष अफरोज आलम का कहना है कि आधा अक्टूबर खत्म होने को है और दशहरा का अवकाश भी हो गया, लेकिन अभी तक शिक्षकों को वेतन नहीं मिला। नवमी व दशहरा एक अति महत्वपूर्ण पर्व है। इतने महत्वपूर्ण पर्व पर भी वेतन न मिलना दुर्भाग्यपूर्ण है। जबकि शिक्षक कोरोना काल में अपनी जान जोखिम में डाल कर ड्यूटी करने से लेकर अवकाश में डीबीटी सत्यापन जैसे शासन व सरकार के समस्त उच्च प्राथमिकता के कार्य मनोयोग से करते हुए शिक्षण कार्य भी करता है। शिक्षकों ने अविलंब वेतन देने की मांग की है।