पितरों को पिडदान कर किया गंगा घाट पर तर्पण
पुरखों की आत्मा की शांति और मुक्ति के लिए तर्पण व पिड दान के साथ पितृपक्ष बुधवार से शुरू हो गया।
पुरखों की आत्मा की शांति और मुक्ति के लिए तर्पण व पिड दान के साथ पितृपक्ष बुधवार से शुरू हो गया। सुबह से ही लोगों ने गंगा घाटों व घरों में स्थान कर पितरों का जलदान तर्पण किया। कोरोना संक्रमण की वजह से अधिकतर लोगों ने घरों में ही पुरखों की आत्मा की शांति के लिए पूजन-अर्चन किया।
मान्यता है कि पितृ पक्ष शुरु होते ही स्वर्गवासी हो चुके पूर्वजों की आत्मा को तर्पण व पिड दान से शांति मिलती है। इस पक्ष में किया गया श्राद्ध, तर्पण व पिडदान से खुश होकर पूर्वज अपने पुत्रों को आशीर्वाद देते हैं। बुधवार से पितरों को अर्पण कर श्राद्ध व हवन शुरू हो गया है। श्रद्धालुओं ने कुबरी घाट, तहजादपुर, अकबरपुर, पलहना, संदीपन गंगा घाटों पर पहुंचकर लोगों ने स्नान किया। परम्परा के मुताबिक मुंडन कराया। साथ ही पितरों को श्रद्धा भाव से तिल चावल व गंगा जल से तर्पण किया। कोरोना खतरे के चलते अधिकतर लोगों ने घरों में ही पितरों का तर्पण व पिडदान किया। कुबरी घाट कड़ा में लोगों की भीड़ अधिक रही। गंगा का जल स्तर बढ़ा होने की वजह से बचाव के लिए घाटों पर गोताखोर व सुरक्षा कर्मी तैनात रहे।