नरेंद्र सिंह के लिए स्विफ्ट डिजायर बन कई काल
पिपरी पुलिस ने नरेंद्र सिंह की हत्या के आरोप में शुक्रवार की दोपहर दो आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया। दोनों ने कार हड़पने के लिए 17 अक्तूबर की रात उसकी हत्या की थी। किसी ने गाड़ी से शव ठिकाने लगाते समय देखा तो वह गाड़ी छोड़ कर भाग निकले। जबकि मुख्य आरोपी घनश्याम की तलाश अभी जारी है। पुलिस ने दोनों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए नरेंद्र की तलाश तेज कर दी।
संसू, कसेंदा : पिपरी पुलिस ने नरेंद्र सिंह की हत्या के आरोप में शुक्रवार की दोपहर दो आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया। दोनों ने कार हड़पने के लिए 17 अक्तूबर की रात उसकी हत्या की थी। किसी ने गाड़ी से शव ठिकाने लगाते समय देखा तो वह गाड़ी छोड़ कर भाग निकले। जबकि मुख्य आरोपी घनश्याम की तलाश अभी जारी है। पुलिस ने दोनों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए नरेंद्र की तलाश तेज कर दी।
हरियाणा के पानीपथ थाना के सनोली रोड चांदनी बाग निवासी नरेंद्र सिंह (35) पुत्र लक्ष्मण सिंह अपनी स्विफ्ट डिजायर कार बुकिग में चलाता था। कौशांबी के सरायअकिल जवई गांव निवासी घनश्याम दुबे पुत्र श्याम सुंदर दुबे से उसकी मुलाकात हरियाणा में हुई तो दोनों के बीच दोस्ती हो गई। 15 अक्तूबर को घनश्याम को गांव आना था तो उसने नरेंद्र की गाड़ी किराए में ले ली। नरेंद्र सिंह कौशांबी आया तो वह घनश्याम के घर पर ही ठहर गया। 17 अक्टूबर को उनके बीच पार्टी चल रही थी। पार्टी में शामिल घनश्याम व उसके साथी शिवपूजन पुत्र रामसखा निवासी तिल्हापुर व सुनील पाठक पुत्र अशोक पाठक के मन में नरेंद्र की कार का लालच समा गया। दोनों ने कार पाने के लिए नरेंद्र की हत्या तक करने की योजना बना ली। आरोप है कि पार्टी के दौरान ही तीनों ने मिलकर एक रस्सी से नरेंद्र का गला घोट दिया। इसके बाद वह शव को कार में लादकर दुर्गापुर गांव के पास नहर किनारे पहुंचे। वह वह ठिकाने लगा रहे थे। इसी बीच किसान ने उनको देख लिया। वह शव को झाड़ियों में फेंक कर फरार हो गए। गाड़ी की पहचान हो गई होगी। इसके शक में वे सरायअकिल के इमली गांव में गाड़ी छोड़ कर भाग निकले। 18 अक्तूबर की सुबह शव मिलने कि जानकारी होते ही ग्रामीणों में सनसनी मच गई। सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज कर मामले की तहकीकात शुरू किया। इस बीच लावारिश कार मिलने की सूचना मिली। सूचना पर पुलिस ने जांच किया। कार में मिले दस्तावेज से शव की पहचान होते ही अन्य बिदुओं से भी पर्दा हटा गया। कार में मिले पहचान पत्रों और चप्पल आदि से शव की पहचान नरेंद्र सिंह के रूप में की गई। साथ ही उसके स्वजनों को सूचना भी पहुंचाई गई । सूचना पर पहुंचे स्वजनों में मृतक के भाई ज्ञान सिंह की तहरीर पर पुलिस ने 22 अक्टूबर को जवई गांव निवासी घनश्याम दुबे के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर विवेचना शुरू की। इसकी जांच लोधउर चौकी प्रभारी हनुमान प्रसाद कर रहे थे। जांच के दौरान कुछ तथ्य मिले तो शुक्रवार को चौकी इंचार्ज लोधउर हनुमान प्रसाद, सिद्धार्थ तोमर, बृजेश कुमार, समेत एसओजी टीम प्रभारी सिद्धार्थ सिंह, राजेंद्र सिंह, मनोज यादव, धर्मेंद्र यादव, विजय कुमार, सरताज अहमद, प्रमोद कुमार आदि ने घेराबंदी कर पिपरी के बूंदा गांव से दोनों को गिरफ्तार कर लिया है। जबकि मुख्य आरोपी घनश्याम अभी पुलिस पकड़ से दूर है। पुलिस उसकी तलाश में जुटी है।