कौशांबी जेल में बंद संदिग्ध युवक बांग्लादेशी निकला
विकास मालवीय, कौशांबी : पश्चिम शरीरा थाना क्षेत्र के परई उग्रसेनपुर गांव से दो माह पहले पकड़े गए संदिग्ध युवक के बांग्लादेशी होने का दावा किया गया है। काल डिटेल रिकार्ड (सीडीआर) की जांच से पता चला है कि उसकी बांग्लादेश में अलग-अलग नंबरों पर कई लोगों से बातचीत हुई है। एंटी टेरेरिस्ट स्क्वायड (एटीएस) ने गुरुवार को अपनी जांच रिपोर्ट एसपी प्रदीप गुप्ता को सौंप दी। यह जानकारी सामने आने के बाद जेल में बंद संदिग्ध युवक की निगरानी भी कड़ी कर दी गई है।
विकास मालवीय, कौशांबी : पश्चिम शरीरा थाना क्षेत्र के परई उग्रसेनपुर गांव से दो माह पहले पकड़े गए संदिग्ध युवक के बांग्लादेशी होने का दावा किया गया है। काल डिटेल रिकार्ड (सीडीआर) की जांच से पता चला है कि उसकी बांग्लादेश में अलग-अलग नंबरों पर कई लोगों से बातचीत हुई है। एंटी टेरेरिस्ट स्क्वायड (एटीएस) ने गुरुवार को अपनी जांच रिपोर्ट एसपी प्रदीप गुप्ता को सौंप दी। यह जानकारी सामने आने के बाद जेल में बंद संदिग्ध युवक की निगरानी भी कड़ी कर दी गई है।
परई उग्रसेनपुर निवासी उदयराज के घर से दो माह पहले एक संदिग्ध युवक को आइबी (इंटेलीजेंस ब्यूरो) की रिपोर्ट पर पुलिस ने हिरासत में लिया था। उसने अपना नाम राहुल राज बताया था। उसके पास से कई सिमकार्ड बरामद हुए थे। कथित राहुल टूटी-फूटी ¨हदी के अलावा फर्राटेदार अंग्रेजी, अरबी व उर्दू भाषा में बात करता है। पूछताछ में उसने बताया था कि वह पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी का मूल निवासी है और परिवार के साथ दुबई में रहता था। सड़क हादसे में उसके परिवार वालों की वहां (दुबई में) मौत हो गई। इसके बाद वह मुंबई पहुंचा और फिर प्रयागराज जंक्शन। यहां उसकी मुलाकात परई उग्रसेनपुर गांव निवासी उदय राज से हुई। उसका दर्द समझते हुए उदयराज उसे लेकर अपने गांव आ गया। वह शरणदाता के घर में उनके बच्चों को पढ़ाता था। मामला सुíखयों में आया तो एटीएस अलर्ट हो गई। एटीएस इंस्पेक्टर कृष्णकांत को उसने अपने पिता का जो नाम बताया, वह मुस्लिम समुदाय का था। आधार कार्ड राहुल राज पुत्र उदयराज नाम से बनवाया था। इसलिए फर्जीवाड़ा का मामला समझते हुए पश्चिम शरीरा पुलिस ने उसके खिलाफ केस दर्ज कर उसे जेल भेज दिया था।
'एटीएस की रिपोर्ट के बाद साफ हो गया है कि युवक बांग्लादेशी है। उसके मुकदमे में एक धारा और बढ़ा दी गई है। जेल में उसकी निगरानी तेज करने के लिए संबंधित अफसरों को पत्र लिखा गया है।'
- प्रदीप गुप्ता, पुलिस अधीक्षक