जन्म से 42 दिनों तक नवजातों की करें खास देखभाल
जासं, कौशांबी : राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत शिशु मृत्युदर में कमी लाने के लिए गृह आधारित नवजात श
जासं, कौशांबी : राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत शिशु मृत्युदर में कमी लाने के लिए गृह आधारित नवजात शिशु की देखभाल कार्यक्रम के तहत आशाओं को पांच दिवसीय प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसकी शुरुआत रविवार से प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मंझनपुर से गई। इसमें आशाओं को शिशुओं की देखभाल से जुड़ी जानकारी दी जाएगी।
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मंझनपुर में आयोजित प्रशिक्षण में स्टेट ट्रेनर राम¨सह ने बताया कि जन्म के बाद से 42 दिनों तक नवजात शिशु की जान जोखिम में रहती है। जरा सी लापरवाही हुई तो बच्चे गंभीर बीमारी से पीड़ित हो सकते हैं। इसके मद्देनजर बच्चों की देखभाल सही तरीके करनी चाहिए। इसके लिए आशाओं को घर-घर पहुंचकर लोगों को जागरूक करना होगा। स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी रामबदन रावत ने बताया कि जन्म के आधे घंटे बाद मां का दूध बच्चे को पिलाना चाहिए। इससे बच्चों में बीमारी से लड़ने की क्षमता बढ़ जाती है। मंझनपुर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र प्रभारी डॉ. अरुण पटेल ने बताया कि नवजात शिशुओं को छूने से पहले साबुन से हाथ धोना चाहिए। यदि गंदे हाथ से बच्चे को छुआ गया तो वह संक्रामक बीमारी से पीड़ित हो सकता है। कहा कि यदि बच्चे में बीमारी का लक्षण दिखे तो उसे तुरंत अस्पताल पहुंचाए।