कइयों के खिले चेहरे तो कुछ को मायूसी
कौशांबी। नगर पंचायत चुनाव के लिए अध्यक्ष पद के लिए आरक्षण की सूची जारी होने के बाद कुछ लोगों के चेहरे खिल गए तो कुछ हो मायूस हो गए।
कौशांबी। नगर पंचायत चुनाव के लिए अध्यक्ष पद के लिए आरक्षण की सूची जारी होने के बाद कुछ लोगों के चेहरे खिले तो कइयों को मायूसी हाथ लगी है। जिन नगर पंचायतों की सूची आरक्षित हो गई है। वहां के सामान्य व पिछड़े वर्ग के लोगों की मंशा पर पानी फिर गया है। अब वह चुनाव लड़ाने के लिए नए चेहरे की तलाश कर रहे हैं। नगर पंचायत करारी, सरायअकिल व भरवारी के अध्यक्ष पर की सीट आरक्षित हो गई हैं। इससे वहां की चुनावी गणित बदल गई है। सामान्य व पिछड़ी जाति के लोग अनुसूचित वर्ग के लोगों को तलाश कर रहे हैं।
पिछले तीन पांच वर्षीय से नगर पंचायत भरवारी के अध्यक्ष पद की सीट सामान्य रही। इस बार भरवारी को नगर पालिका का दर्जा दिया गया तो वहां के अध्यक्ष पद की सीट एससी महिला के लिए आरक्षित हो गई है। ऐसे में वहां सामान्य व पिछड़ी जाति के दावदारों की मंशा पर पानी फिर गया है। अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने के दावेदार सीट आरक्षित होने के बाद नए चेहरे की तलाश कर रहे हैं। नगर पंचायत मंझनपुर में अध्यक्ष पद पर पिछले चार कार्यकाल से आरक्षण लागू नहीं हुआ। इस बार लोगों में उम्मीद जगी थी कि सीट ओबीसी या अनुसूचित वर्ग के लिए सुरक्षित होगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इस बार फिर अध्यक्ष पद के लिए सीट अनारक्षित हो गई है। इसको लेकर कुछ लोग परेशान है। सीट में परिवर्तन क्यों नहीं इसको लेकर लोग सवाल खड़ा कर रहे हैं। कई लोग इस पर आपत्ति दायर करने का मन लोगों ने बना लिया है।
खत्म होगा पांच दशक का वर्चस्व
करारी : नगर पंचायत करारी में 25 वर्ष से मौला बक्स खानदान काबिज है। करारी के अध्यक्ष का आरक्षण अनुसूचित जाति महिला होने से अब इनकी दावेदारी समाप्त हो गई। आखिरकार 25 वर्षो का यह किला ढह ही गया जो इस समय नगर पंचायत मे चर्चा का विषय है। इस बदलाव के बाद एससी महिला कटेगरी के कई लोग चुनाव लड़ने के लिए दावा शुरू कर दिया है। सपा ने अपने प्रत्याशियों को चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है। सपा के बैनर तले चुनाव लड़ने के लिए लक्ष्मी वर्मा पत्नी बबलू गौतम ने आवेदन कर दिया है। वहीं भाजपा नगर संयोजक हरीश गुप्ता का कहना है कि पार्टी जिसको टिकट देगी सारे नगर वासी उसका सहयोग करेंगे। सुरेश नागर चौधरी का कहना कि नगर पंचायत मे पहली बार अनुसूचित जाति का चेयरमैन होगा। जो कि इससे पूर्व हो जाना चाहिए था। लेकिन विपक्षियों की साजिश के चलते आजतक यहा की चेयरमैन एससी नहीं हुई।
अझुवा नगर पंचायत चुनाव के बिगड़े समीकरण
अझुवा : गुरुवार की देर रात आरक्षण सूची जारी होने के बाद अझुवा नगर पंचायत के कई दावेदारों की हवा निकल गई। यह सीट एससी के लिए आरक्षित हो गई। नगर पंचायत अझुवा में 2006 में सामान्य थी। 2012 में यह सीट पिछड़ी जाति महिला के लिए आरक्षित हुई थी। सीट आरक्षित होने कइयों चेहरे पर मायूसी छा गयी और चुनावी समीकरण बिगड़ गया। वहीं एससी के कई लोग अपनी-अपनी दावेदारी करते हुए संपर्क शुरू कर दिया है।
सिराथू सीट अनारक्षित
सिराथू: नगर पंचायत सिराथू की सीट अनारक्षित कर दी गई है। वर्ष 2006 सिराथू की अध्यक्षी के लिए सामान्य महिला आरक्षित हुई थी। 2012 में पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित हुई थी। अब 2017 में अनारक्षित होने के बाद चुनावी समीकरण बदल गये हैं।
सामान्य हुई चायल की सीट
चायल : चायल नगर पंचायत चेयरमैन की सीट अब सामान्य कर दी गई है। 20 वर्षो से यह सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित थी। अब सामान्य होने से चुनाव लड़ने संख्या अधिक होना तय है। चायल नगर पंचायत में कुल 7500 वोटर है जिसमे सबसे ज्यादा अनुसूचित जाति 39.6 फीसद है। दूसरे नम्बर पर अन्य पिछड़ा वर्ग 31.07फीसद और सामान्य वर्ग 28.64 फीसद वोटर हैं।
आरक्षित सीट होने से बदला समीकरण
सरायअकिल : सराय अकिल नगर पंचायत की सीट अनुसूचित जाति के आरक्षित कर दी गई। इससे सामान्य वर्ग एवं पिछड़ा वर्ग के लोग चुनाव लड़ने की तैयारी किए थे, उन्हें मायूसी हाथ लगी है। नगर पंचायत सराय अकिल में पिछड़ा वर्ग महिला आरक्षित सीट से निवर्तमान अध्यक्ष थी। इसके पहले नगर पंचायत की सीट सामान्य वर्ग की सीट थी। इस बार अनुसूचित जाति के लिए सीट आरक्षित होने पर चुनाव रोचक रहेगा।