जिले की सीमाएं सील, 16 सरहद पर लगाया बैरियर
कोरोना वायरस को लेकर शासन के आदेश पर अब जनपद की सभी सीमाएं सील कर दी गई है। 16 सरह
कोरोना वायरस को लेकर शासन के आदेश पर अब जनपद की सभी सीमाएं सील कर दी गई है। 16 सरहदों में बैरियर लगाकर वहां सब इंस्पेक्टर समेत तीन पुलिस कर्मियों को तैनात कर दिया गया है। अपने घर लौटने वाले जिले के लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण कराकर उन्हें रैनबसेरा या सामुदायिक भवनों में रखा गया है। पड़ोसी जनपद के लोगों को जाने दिया है। मंगलवार से किसी भी व्यक्ति को आने-जाने नहीं दिया जाएगा।
कोरोना वायरस को लेकर पूरे देश में लॉकडाउन है। इसके बावजूद कोरोना वायरस का संक्रमण नियंत्रित नहीं हो रहा है। शासन ने फरमान जारी किया है कि नौकरी व मजदूरी के सिलसिले से महानगरों व गैर प्रांतों में रह रहे लोग लौट रहे हैं, उन्हें अब जनपद की सीमा पर ही रोक दिया जाए। साथ ही उन्हें सीधे रैन बसेरा, स्कूल, कॉलेज, पंचायत भवन आदि स्थानों पर ठहराया जाए। 14 दिनों तक ऐसे यात्रियों की गहनता से जांच कराई जाए, फिर घर जाने दिया जाए। इसका अनुपालन करते हुए पुलिस अधीक्षक अभिनंदन ने सोमवार को जिले की सीमाओं पर सुरक्षा व्यवस्था और सख्त कर दी है। फतेहपुर जनपद को जोड़ने वाली जिले की सीमा कनवार बार्डर, अलीपुरजीता, उदिहिन धाता मार्ग, खूजा पुलिया, जाम तिराहा जेहिदपुर, हिनौता धाता मोड़, जुवरा नारा-धाता बार्डर के अलावा प्रतापगढ़ को जोड़ने वाले लेहदरी पुल, गंगा ब्रिज टोल प्लाजा कोखराज, प्रयागराज को जोड़ने वाले मंदर मोड़, रहीमाबाद चौकी, कटहुला रोड, असरावल भट्ठा, बजहा खेलगांव, लखनपुर रावतपुर गांव के बाहर, चित्रकूट को जोड़ने वाले महेवाघाट यमुना पुल समेत 16 जगह बैरियर लगाकर जिले की सीमाओं को सील कर दिया है। अब कोई यात्री न आएगा और न ही जाएगा, चाहे वह कौशांबी जिले का ही क्यों न हो। पुलिस प्रशासन ने इसके इंतजाम पूरे कर लिए हैं। सभी सीमाओं पर एक सब इंस्पेक्टर, एक हेड कांस्टेबल व एक कांस्टेबल तैनात किए गए हैं। हालांकि पुलिस की इस चौकचौबंद व्यवस्था के बावजूद ट्रांसपोर्टिंग करने वाले ट्रकों में चोरी-छिपे यात्री अब भी निकल रहे हैं। पुलिस अधीक्षक अभिनंदन का कहना है कि जिले की सीमाओं को पूरी तरह सील करके बाहर से आने वाले यात्रियों को रोका जा रहा है। हालांकि आदेश जारी होने के पहले जो भी यात्री चलकर कौशांबी पहुंचे हैं उन्हें सेल्टर हाउस व स्कूलों में ठहराया जा रहा है। जो लोग पड़ोसी जनपद के थे। भोजन खिलाकर उन्हें जाने दिया गया है।