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सूर्यास्त होने के बाद मशीनों से न कराया जाए बालू खनन

राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) की ओर से नियमों के लागू होने के बाद नाविक अपने नाव से बालू एक जगह से दूसरे जगह तक पहुंचा सकते हैं। आरोप है कि रात के समय यमुना घाटों पर मशीनों से बालू का खनन कराया जाता है। इससे निषाद समाज के लोगों में काफी नाराजगी है। सोमवार को चायल विधायक संजय कुमार गुप्ता की अगुवाई में नाविकों ने जिलाधिकारी सुजीत कुमार को ज्ञापन सौंपा। साथ ही स्पष्ट किया कि सूर्य अस्त होने के बाद मशीनों से बालू खनन न कराया जाए। यदि ऐसा हुआ तो आंदोलन करने को मजबूर होंगे।

By JagranEdited By: Published: Mon, 08 Nov 2021 10:49 PM (IST)Updated: Mon, 08 Nov 2021 10:49 PM (IST)
सूर्यास्त होने के बाद मशीनों से न कराया जाए बालू खनन
सूर्यास्त होने के बाद मशीनों से न कराया जाए बालू खनन

कौशांबी। राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) की ओर से नियमों के लागू होने के बाद नाविक अपने नाव से बालू एक जगह से दूसरे जगह तक पहुंचा सकते हैं। आरोप है कि रात के समय यमुना घाटों पर मशीनों से बालू का खनन कराया जाता है। इससे निषाद समाज के लोगों में काफी नाराजगी है। सोमवार को चायल विधायक संजय कुमार गुप्ता की अगुवाई में नाविकों ने जिलाधिकारी सुजीत कुमार को ज्ञापन सौंपा। साथ ही स्पष्ट किया कि सूर्य अस्त होने के बाद मशीनों से बालू खनन न कराया जाए। यदि ऐसा हुआ तो आंदोलन करने को मजबूर होंगे।

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नाविक संघ के उत्तर प्रदेश अध्यक्ष ऋषि कुमार निषाद समेत कई लोगों ने चायल विधायक संजय गुप्ता की अगुवाई में जिलाधिकारी सुजीत कुमार को सोमवार को ज्ञापन सौंपा। इस दौरान ऋषि कुमार ने कहा कि अगर किसी भी तरह की मशीन और उपकरण बालू माफिया ने चलाया तो उसके लिए हम आंदोलन करने के लिए तैयार है। इसके साथ ही इस दौरान उन्होंने कहा कि यदि एनजीटी के नियमों के तहत हमारी नाव नहीं चल सकती तो बालू कारोबारी सूर्यास्त होने के बाद पोक लैंड व जेसीबी बालू न निकाले। इसकी वजह से शासनादेश का उल्लंघन हो रहा है। साथ ही मजदूरों के सामने रोटी का संकट खड़ा हो रहा है। कहा कि यदि हमारी मांगे पूरी न हुई तो निषाद समाज आंदोलन करने को बाध्य होगा। जिलाधिकारी ने नियमों के सापेक्ष सहयोग करने का भरोसा दिलाया। इस मौके पर मुख्य रूप से निषाद कुमार बजरंगी, राजेंद्र निषाद, लालचंद निषाद, शिवदयाल निषाद, राकेश, दिनेश, कौशल सहित तमाम लोग उपस्थित रहे।


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