निर्माण कार्य में खेल, बनने से उखड़ गई सड़क
जागरण संवाददाता, कौशांबी : जिला पंचायत की सड़कों के निर्माण में जमकर खेल हुआ है। पहले तो ठेकेदार ने मानक का ध्यान नहीं रखा। जहां किसी प्रकार से सड़क निर्माण हुआ भी है वहीं की गुणवत्ता सही नहीं है। मीरापुर गांव में तो ठेकेदार ने सड़क निर्माण अधूरा छोड़ने के बाद पूरा भुगतान निकाल लिया। इसकी शिकायत गांव के लोगों ने जिला पंचायत के अपर मुख्य अधिकारी से की, लेकिन अब तक इस समस्या को समाधान नहीं हो सका।
जागरण संवाददाता, कौशांबी : जिला पंचायत की सड़कों के निर्माण में जमकर खेल हुआ है। पहले तो ठेकेदार ने मानक का ध्यान नहीं रखा। जहां किसी प्रकार से सड़क निर्माण हुआ भी है वहीं की गुणवत्ता सही नहीं है। मीरापुर गांव में तो ठेकेदार ने सड़क निर्माण अधूरा छोड़ने के बाद पूरा भुगतान निकाल लिया। इसकी शिकायत गांव के लोगों ने जिला पंचायत के अपर मुख्य अधिकारी से की, लेकिन अब तक इस समस्या को समाधान नहीं हो सका।
चायल तहसील के नूरपुर गांव में जिला पंचायत ने करीब दस लाख की लागत से सीसी रोड का निर्माण कराया है। वर्ष 2013-14 में बनी इस सड़क का हाल चार साल में ही बेहाल हो गया। अब यह सड़क चलने लायक ही नहीं बची। गांव के लोग मजबूरन इस सड़क का प्रयोग करते है। गांव के साथ ही वह लोग जो ज्यादा दूरी तय करने की स्थित में नहीं है। मजबूरन इसी सड़क का प्रयोग करने के लिए मजबूर है। राज्य वित्त् आयोग योजना से करीब दस लाख की लागत से बनने वाली इस सड़क का निर्माण के केशलाल के घर से दीप सोनकर के घर तक किया जाना था। ठेकेदार ने बच्चा लाल कोरी के घर के निकट तक ही सड़क का निर्माण कराया। करीब 400 मीटर की इस सड़क के निर्माण बिना पूरा किए ही ठेकेदार ने भुगतान निकाल लिया। इसको लेकर गांव के लोगों ने जिला पंचायत के अपर मुख्य अधिकारी से शिकायत भी की, लेकिन अब तक सड़क का निर्माण पूरा नहीं हो सका। ग्रामीण राम ¨सह प्रजापति, गणेष प्रसाद, नंदलाल सोनकर, रामलखन विश्वकर्मा, पप्पू कोरी, आषीश कोरी, मुकेश यादव आदि ने बताया कि तत्कालीन जिला पंचायत अध्यक्ष राजेश कुमार कुशवाहा व सदस्य अशोक यादव से इस संबंध में कई बार कहा गया। वह हर बार आश्वासन देते रहे, लेकिन अब तक सड़क का निर्माण पूरा नहीं हो सका। उन्होंने बताया कि गांव में लगाने वाली बाजार के साथ ही आसपास के करीब दस गांव के लोग इस सड़क का प्रयोग हाइवे तक पहुंचने व वहां से घर आने के लिए करते है। यह सड़क महत्वपूर्ण है। इस लिए इसे बनाने की मांग जिला पंचायत से की गई थी, लेकिन अब तक पहले से भी खराब स्थिति हो गई है। अधूरा सड़क निर्माण पूरे गांव के लिए मुसीबत बना है। इस संबंध में अपर मुख्य अधिकारी जिपं से संपर्क का प्रयास किया गया। उनको फोन नहीं उठा।