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कौशांबी से लखनऊ का बढ़ गया तीन हजार रुपये किराया

वैश्विक महामारी कोरोना से बचाव के लिए कुछ ट्रैवल मालिक वाहनों का चलाना ही बंद कर दिया है। जो वाहनों की बुकिग कर रहे हैं। वह मनमाने तरीके से किराया वसूल रहे हैं। सिराथू मंझनपुर में कुछ ट्रैवल हैं। वह प्रयागराज कानपुरदिल्ली लखनऊ वराणसी मैहर व विध्याचल के लिए किराया काफी बढ़ दिए हैं। मजबूरी में लोगों को जाना ही पड़ता है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 11 Jul 2020 06:00 AM (IST)Updated: Sat, 11 Jul 2020 06:07 AM (IST)
कौशांबी से लखनऊ का बढ़ गया तीन हजार रुपये किराया
कौशांबी से लखनऊ का बढ़ गया तीन हजार रुपये किराया

जासं, कौशांबी : वैश्विक महामारी कोरोना से बचाव के लिए कुछ ट्रैवल मालिक वाहनों का चलाना ही बंद कर दिया है। जो वाहनों की बुकिग कर रहे हैं। वह मनमाने तरीके से किराया वसूल रहे हैं। सिराथू, मंझनपुर में कुछ ट्रैवल हैं। वह प्रयागराज, कानपुर,दिल्ली, लखनऊ वराणसी, मैहर व विध्याचल के लिए किराया काफी बढ़ दिए हैं। मजबूरी में लोगों को जाना ही पड़ता है।

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लॉकडाउन के बाद वाहनों की जांच-पड़ताल के लिए जगह-जगह बैरियर लगाए हैं। जिन वाहनों का बीमा, प्रदूषण प्रमाण पत्र व अन्य अभिलेख नहीं है। ऐसे वाहनों पर कार्रवाई भी की जा रही है। ऐसे में कार्रवाई से बचने के लिए अधिकतर वाहन मालिक अपने वाहनों को नहीं निकाल रहे हैं। जो लोग वाहनों की बुकिग कर रहे हैं। वह मनमाने तरीके से किराया लेते हैं। मंझनपुर के सुनील ने बताया कि उनके परिवार के एक सदस्य की तबीयत चार दिन पूर्व खराब हो गई थी। इलाज के लिए उन्हें प्रयागराज ले जाना था। टैक्सी चालक ने चार हजार रुपये ले लिया, जबकि कोरोना काल से पहले दो हजार में प्रयागराज गए थे। करनपुर के मोहम्मद सफीक ने बताया कि उन्हें इलाज के लिए लखनऊ जाना था। सात हजार रुपये में वाहन मिला है। लॉकडाउन से पहले चार हजार में बुक किए थे। कहा कि कोरोना की वजह से वैसे कारोबार ठप हो गया है। अब बढ़ी महंगाई से और दिक्कत हो रही है।

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स्थान पहले का किराया बढ़ा किराया

मंझनपुर से प्रयागराज 2000 4000

सिराथू से लखनऊ 4000 7000

मंझनपुर से कानपुर 5500 7500

मंझनपुर से वराणसी 3000 5000

सैनी से मैहर 3500 6500

मंझनपुर से चित्रकूट 2000 3000 दर्शन के लिए परिवार के साथ मैहर जाना था। ट्रैवल से गाड़ी बुक कराने के लिए सिराथू गए थे। वाहन को बुक कराने के लिए 6500 रुपये मांगा। चार माह पूर्व 3500 रुपये किराया देकर गए थे।

रणविजय सिंह परिवार के एक सदस्य को इलाज के लिए प्रयागराज ले जाना था। टैक्सी चालक ने चार रुपये लिया, जबकि कोरोना काल से पहले दो हजार में गए थे।

शिवचरन मौर्या


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