डीएलएड कॉलेजों में विद्यार्थियों से वसूली, जिम्मेदार मौन
कौशांबी डीएलएड पाठ्यक्रम के छात्रों का जनपद के कई कालेजों में आर्थिक शोषण किया जा
कौशांबी : डीएलएड पाठ्यक्रम के छात्रों का जनपद के कई कालेजों में आर्थिक शोषण किया जा रहा। इसकी शिकायत के बाद भी कार्रवाई नहीं की जा रही है जिससे विद्यार्थी परेशान हैं।
कौशांबी में करीब 27 कालेजों में डीएलएड की मान्यता है। कालेजों का दावा है कि वह बिना किसी अतिरिक्त वसूली के छात्रों को प्रशिक्षण दे रहे हैं, लेकिन हकीकत अलग है। डीएलएड का प्रशिक्षण ले रहे छात्रों की मानें तो हर छह माह में कालेज अवैध वसूली करता है। इसका छात्रों ने विरोध भी किया, लेकिन आंतरिक मूल्यांकन में नंबर न मिलने के भय से वह खुलकर विरोध करने के पक्ष में नहीं हैं। बता दें कि विद्यार्थियों का आंतरिक मूल्यांकन कॉलेज के परीक्षक ही करते हैं।
बीटीसी-डीएलएड संयुक्त मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष सत्येंद्र सिंह सीटू ने बताया कि डीएलएड करने वाले छात्रों से विद्यालय विभिन्न मदों में खुलेआम वसूली करते हैं। इसके लिए आंतरिक मूल्यांकन का भय दिखाते हैं। उन्होंने बताया कि प्रयोगात्मक परीक्षा, परीक्षा का फार्म भरने, क्रियात्मक प्रशिक्षण, कालेज न आना और हर दो सेमेस्टर के बाद दोबारा रजिस्ट्रेशन के नाम पर वसूली हो रही है। इसको लेकर छात्र खुलकर विरोध भी नहीं कर पा रहे हैं। कहा कि इसकी शिकायत प्रशासनिक अधिकारी व डायट के प्रभारी प्रचार्य से की थी, लेकिन कार्रवाई नहीं की गई।
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डीएलडए कालेजों में वसूली हो रही है। इसकी जानकारी नहीं है। यदि ऐसा है तो प्रकरण की जांच कराई जाएगी। जांच रिपोर्ट कार्रवाई के लिए शासन को भेजी जाएगी।
-सत्येंद्र सिंह, प्रभारी प्राचार्य डायट।