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फतेहपुर से धाता के 119 गांव कौशांबी में जुड़ने को तैयार

जासं कौशांबी प्रयागराज जनपद से सटे कौशांबी के 69 गांव को प्रयागराज में शामिल किया गया है। इन गांवों के लिए कौशांबी से अलग होने की मांग कर रहे थे। कौशांबी भले ही अलग जिला बना दिया गया हो लेकिन वह मानक नहीं पूरा कर रहा था। गांव के हट जाने से स्थित और भी खराब हो गई है। ऐसे में जिले के मानक को पूरा करने के लिए धाता को शामिल करना ही अंतिम विकल्प बचा है। धाता के लोग भी कौशांबी में शामिल होने के लिए तैयार हैं।

By JagranEdited By: Published: Sun, 03 Mar 2019 11:16 PM (IST)Updated: Sun, 03 Mar 2019 11:16 PM (IST)
फतेहपुर से धाता के 119 गांव कौशांबी में जुड़ने को तैयार

जासं, कौशांबी : प्रयागराज जनपद से सटे कौशांबी के 69 गांव को प्रयागराज में शामिल किया गया है। इन गांवों के लिए कौशांबी से अलग होने की मांग कर रहे थे। कौशांबी भले ही अलग जिला बना दिया गया हो लेकिन वह मानक नहीं पूरा कर रहा था। गांव के हट जाने से स्थित और भी खराब हो गई है। ऐसे में जिले के मानक को पूरा करने के लिए धाता को शामिल करना ही अंतिम विकल्प बचा है। धाता के लोग भी कौशांबी में शामिल होने के लिए तैयार हैं।

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फतेहपुर जनपद का धाता की मुख्यालय से दूरी करीब 80 किमी है। ऐसे में किसी काम के लिए मुख्यालय जाना लोगों के लिए कष्टकारी होता है। शिक्षा व दवा आदि के लिए धाता के लोग ज्यादातर कौशांबी व प्रयागराज ही जाते हैं। सरकारी कामों के लिए उनको फतेहपुर जाना उल्टा पड़ा है। इसके साथ ही तहसील खागा होने के कारण इसकी भी दूरी करीब 25 किमी से अधिक है। जबकि धाता से कौशांबी की दूरी मात्र 17 किमी है और यह जिला मुख्यालय है। ऐसे में धाता ब्लाक के ग्रामीण 2008 से खुद को कौशांबी में शामिल किए जाने की मांग कर रहे हैं। धाता निवासी चंदन सिंह सर्व समाज समिति के माध्यम से इसकी लड़ाई लड़ रहे है। वह अब तक दर्जनों बार कौशांबी व फतेहपुर डीएम को मांग पर दे चुके हैं। क्षेत्र में धाता ब्लाक को कौशांबी में शामिल होने को लेकर महीनों तो आंदोलन किया जा चुका है। डिप्टी सीएम, सीएम व कमिश्नर आदि को दर्जनों बार ज्ञापन देने के बाद भी तक धाता को कौशांबी में शामिल नहीं किया गया। सर्व समाज समिति से जुड़े रामजी सिंह बताते है कि धाता ब्लाक के कोट से कनवार तक एक सड़क रक्षपालपुर होकर जाती है। इस सड़क के पूर्व में धाता ब्लाक के करीब 119 गांव आते हैं। इन गांव के प्रधानों ने खुद को कौशांबी में शामिल होने के लिए पत्र दिया है। बताया कि हर एक गांव के नक्शे के साथ ही वहां की जनसंख्या, उत्पादन, सरकारी सुविधा आदि का खाका बनाकर अधिकारियों को दिया गया है। अब फैसले का इंतजार है।

धाता के लोगों का जुड़ाव धाता ब्लाक क्षेत्र के बाद अगर कही से है तो वह सब से ज्यादा कौशांबी से है। बिना कौशांबी में शामिल हुए क्षेत्र का विकास संभव नहीं है।

- घनश्याम सिंह कौशांबी के विकास को भी गति मिलेगी। यहां क्षेत्र कृषि की ²ष्टि से बेहतर है। यहां उत्पादित गुड़ की कौशांबी के साथ ही आसपास के कई जिलों में मांग है।

- अमन सिंह धाता के लोगों के लिए बेहतर है कि वह कौशांबी को अपना मुख्यालय बनाए। सैकड़ों की संख्या में सरकारी कर्मचारी तैनात है जो धाता से संबंध रखते हैं।

- कुलदीप सिंह धाता के लोगों के लिए कौशांबी खास है। यहां वैवाहिक संबंध सब से अधिक हैं। आना जाना भी इसी क्षेत्र में होता है। धाता को शामिल कर सरकार बेहतर कदम उठाएगी।

- धर्मेंद्र सिंह


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