अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चमकेगा रत्नावली का नाम
जासं कौशांबी यमुना तट पर बसे महेवाघाट (रत्नावली) में छह अप्रैल से आयोजित होने वाली नौ दिवसीय रामकथा की तैयारी जोरों पर चल रही है। कथा के आयोजन के लिए यमुना घाट के किनारे जिला प्रशासन ने एक माह पूर्व भूमि अधिग्रहित की है। पंडाल लगाने के राजस्थान कोलकता व मध्यप्रदेश के कारीगर जुटे हैं। जो कई पंडाल लगाने का कार्य करेंगे। कार्यक्रम का आयोजक मदन पॉलीवाल हैं। कथा को सुनने के लिए देश-विदेश से हजारों श्रद्धालु आने की संभावना है। पुलिस प्रशासन से अपने स्तर से सुरक्षा का इंतजाम कर लिया है।
जासं, कौशांबी : यमुना तट पर बसे महेवाघाट (रत्नावली) में छह अप्रैल से आयोजित होने वाली नौ दिवसीय रामकथा की तैयारी जोरों पर चल रही है। कथा के आयोजन के लिए यमुना घाट के किनारे जिला प्रशासन ने एक माह पूर्व भूमि अधिग्रहित की है। पंडाल लगाने के राजस्थान, कोलकता व मध्यप्रदेश के कारीगर जुटे हैं। जो कई पंडाल लगाने का कार्य करेंगे। कार्यक्रम का आयोजक मदन पॉलीवाल हैं। कथा को सुनने के लिए देश-विदेश से हजारों श्रद्धालु आने की संभावना है। पुलिस प्रशासन से अपने स्तर से सुरक्षा का इंतजाम कर लिया है।
मंझनुपर तहसील क्षेत्र के यमुना नदी के किनारे बसा महेवाघाट में गोस्वामी तुलसीदास की ससुराल महेवा में थी। आज यह स्थान उनकी पत्नी रत्नावली के नाम से जाना जाता है। इस स्थान को देश-विदेश में चर्चित करने के लिए रामकथा का आयोजन किया जा रहा हैं। कार्यक्रम आयोजन के मीडिया प्रभारी जय प्रकाश माली ने बताया कि 1000 वीवीआइपी कॉटेज बनाए जा रहे हैं। जहां पर देश विदेश से आने वाले वीआइपी आराम कर सकेंगे। लोगों के खाने की व्यवस्था के लिए 2500 से अधिक रसोइया में बुलाए गए हैं। कार्यक्रम में किसी प्रकार की अव्यवस्था ना हो इसके लिए आयोजक की ओर से 2500 से अधिक निजी सुरक्षाकर्मी तैनात किए जाएंगे। जो कथा सुनने के लिए आने वाले श्रद्धालुओं की हर संभव मदद करेंगे। कथा में विदेशी भी होंगे शामिल
कार्यक्रम के मीडिया प्रभारी ने बताया कि महेवा घाट के रत्नावली में होने वाली रामकथा में विदेश से आए श्रद्धालु कई चक्रों में कार्यक्रम स्थल पहुंचकर मुरारी बापू की श्री रामकथा को सुनेंगे।