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रामगंगा कमांड की सूनी कोख, सूख रही धान की फसल

कौशांबी। कानपुर के गंगा बैराज से निकली रामगंगा कमांड जनपद फतेहपुर व कौशांबी के किसान के लिए वरदान साबित होती।

By JagranEdited By: Published: Sun, 10 Sep 2017 11:15 PM (IST)Updated: Sun, 10 Sep 2017 11:15 PM (IST)
रामगंगा कमांड की सूनी कोख, सूख रही धान की फसल
रामगंगा कमांड की सूनी कोख, सूख रही धान की फसल

कौशांबी। कानपुर के गंगा बैराज से निकली रामगंगा कमांड जनपद फतेहपुर व कौशांबी के किसानों के लिए कभी वरदान साबित होती थी। इस नहर से दस माइनर निकाली गई हैं। इन्हीं नहरों से सैकड़ों बीघे भूमि की ¨सचाई होती थी, लेकिन बीते एक वर्ष से निकली रामगंगा कमांड में पानी नहीं आया। इससे कई हेक्टेयर भूमि पर फसल की बुआई नहीं हुई। बारिश के पानी से जिन किसानों धान की फसल की रोपाई की है। अब वह फसल पानी के अभाव में सूख रही है। किसानों ने इसकी शिकायत भी तहसील व जिला प्रशासन से की थी। इसके बाद भी ध्यान नहीं दिया गया।

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जिले से होकर गुजरी रामगंगा कमांड में दस माइनर हैं। पहला माइनर अलीपुर जीता पड़ता है। जहां से निकली माइनर सैंकड़ों गांवों तक पानी पहुंचाती है। जब मुख्य नहर भी सूखी पड़ी है तो माइनरों में पानी कहां से जाएगा। सरकार द्वारा इसकी साफ-सफाई के लिए लाखों रुपये विभाग के माध्यम से खर्च करती है लेकिन पानी के लिए कोई भी जिम्मेदार ध्यान नहीं दे रहा है। सूबे की योगी सरकार ने किसानों के हित की बात तो करती है और मिशन 2022 का लक्ष्य दिया गया है। जिसमें किसानों की आय दोगुनी की जाएगी लेकिन प्रमुख नहरों में पानी न आने की वजह से सरकार द्वारा चलाया जा रहा यह मिशन कहां तक कारगर हो सकता है। नहर में पानी न आने के चलते कई एकड़ भूमि परती पड़ी रहती है। किसानों का कहना है कि यदि नहर में पानी न छोड़ा गया तो हजारों बीघे धान की फसल सूख जाएगी।

आंदोलन के बाद एक वर्ष पूर्व आया था पानी

सिराथू : साल भर पहले भारतीय किसान यूनियन के पूर्व मंडल अध्यक्ष नूरूल इस्लाम व जिला अध्यक्ष बलवीर ¨सह चौहान के नेतृत्व में हजारों कार्यकर्ताओं ने सैनी में नहर तट पर बैठ कर धरना प्रदर्शन किया था। जिसके बाद नहर में पानी आया था, लेकिन इसके कुछ ही दिन में पानी बंद हो गया और किसानों के चेहरे की मुस्कान फिर से रफूचक्कर हो गई।

कहते हैं किसान

पिछड़े जनपद में किसानों की ¨सचाई के लिए नहरों के अलावा अन्य कोई सरकारी व्यवस्था नहीं है। नलकूप भी पर्याप्त मात्रा में नहीं हैं। ऐसे में नहरों में कई सालों से पानी न आने की वजह से फसलों की बुआई नहीं हो पा रही है। यदि किसी प्रकार से हो जाती है तो वह पानी के अभाव में सूख जाती है।

सुरेंद्र कुमार पटेल

जब मुख्य नहर ही सूखी पड़ी है तो माइनरों में पानी कहां से आएगा। रामगंगा कमांड से कई माइनर निकली हैं और वह कई गांवों से होकर गुजरी हैं लेकिन उनमें पानी न आने के कारण फसल सूख रही है।

-धर्मराज पटेल

किसानों के हित के लिए प्रदेश व केंद्र सरकार द्वारा बड़ी-बड़ी बातें तो की जा रही है तथा उनकी आय दोगुनी करने का लक्ष्य भी निर्धारित किया गया लेकिन दोआबा के किसानों की आय कैसी दोगुनी होगी क्योंकि यहां के नहरें सूखी पड़ी हैं।

- श्रीचंद्र

जिले का लगभग आधा भाग इसी नहर के अंतर्गत आता है जहां पर किसानों की ¨सचाई व्यवस्था इसी पर आश्रित रहती है, लेकिन इसमें पानी न आने के कारण किसानों की मनमाफिक किसानी नहीं हो पाती तथा कुछ गांवों में तो खेत यूं ही पड़े रहते हैं उनमें बोआई तक नहीं हो पाती है।

- मुलायम ¨सह


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