राम ही हैं कलयुग में महा व तारक मंत्र
जागरण संवाददाता कौशांबी नाम के प्रभाव से ही जिसको विश्राम मिले वो राम है। राम तत्व आदि अनादि है। राम के नाम से बड़ा कोई भजन नहीं है। गोस्वामी तुलसीदास की पूरी साधना हरि नाम पर आधारित है। प्रभु का नाम जाप करने से ध्यान यज्ञ पूजा और अर्चना हो जाती है। कलयुग में राम महामंत्र व तारक मंत्र है जो जगत को तारक बनकर तैरना सिखा रहा है। मोरारी बापू ने रत्नावली के महेवा घाट में आयोजित रामकथा में बुधवार को पाचवें दिन यह बातें कहीं।
जागरण संवाददाता, कौशांबी : नाम के प्रभाव से ही जिसको विश्राम मिले वो राम है। राम तत्व आदि अनादि है। राम के नाम से बड़ा कोई भजन नहीं है। गोस्वामी तुलसीदास की पूरी साधना हरि नाम पर आधारित है। प्रभु का नाम जाप करने से ध्यान, यज्ञ, पूजा और अर्चना हो जाती है। कलयुग में राम महामंत्र व तारक मंत्र है जो जगत को तारक बनकर तैरना सिखा रहा है। मोरारी बापू ने रत्नावली के महेवा घाट में आयोजित रामकथा में बुधवार को पाचवें दिन यह बातें कहीं।
संत कृपा सनातन संस्थान की ओर से आयोजित रामकथा मानस रत्नावली के पांचवें दिन बुधवार को बापू ने व्यासपीठ से प्रभु जन्म के बाद नामकरण प्रसंग को सुनाते हुए कहा कि सदाचारी व्यक्ति सदा सुखी रहता है। दुखी वही होता है जो दूसरों की प्रगति को देखकर नफरत करता है। बापू ने कहा कि ब्रह्मा ही निर्दोष है और बाकी सब दोषी हैं। इतिहास में तथ्यों को मिलाना पड़ता है। आध्यात्म में सत्य को मिलाना पड़ता है और सत्य को समझना आवश्यक है। संसार में विचार बहुत होते हैं लेकिन स्वीकार बहुत कम होते हैं। सत्य को स्वीकारना सत्संग है। कान्ता की आशक्ति भक्ति का एक प्रकार है। नाम मंत्र की सार्थकता
राम नाम जपने वालों के लिए नाम मंत्र जरूरी है। परम तत्व की प्राप्ति हो जाए तक भी हमें यज्ञ, तप और दान को कभी नहीं छोड़ना चाहिए। चित्त प्रसन्न रहे वही परमात्मा के दर्शन का द्वार है। भरत वही है जो सबका पोषण करे और किसी का शोषण न करे। ऐसा नहीं करने वाले पर मंत्र काम नहीं करेगा। किसी से शत्रुता या कटुता ना रखें वो शत्रुघ्न है। लक्ष्मण के रूप में हम जितने का आधार बन पाए बनना चाहिए। तभी नाम मंत्र की सार्थकता है। विश्वास किसी को नहीं करता निराश
जीवन बड़ा मूल्यवान है और विश्वास कभी निराश नहीं करता है। कोई किसी के पास बिना काम के नहीं जाता है। संसार में ऐसा कोई नहीं है जिसने भूल नहीं की हो। संत को कोई पापी नहीं देता दिखाई। सभी कोई रत्ना जैसी मिल जाए तो जीवन का उद्धार हो जाता है। प्रसन्नता परमात्मा दर्शन का द्वार है। संशय मौत व विश्वास जीवन है। ताकत से बड़ी तकनीक है
राम ने धनुष ताकत से नहीं बल्कि तकनीक से तोड़ा था जिसने आत्मा को बांध ली हो वो निदक नहीं हो सकता है। आत्मवान के पास अद्भुत कला होती है जो उसे निदा होने से बचा देती है। विश्व मंगल के लिए छोटी सी अधाíमकता भी देश व काल के लिए धाíमक सिद्ध हो जाती है। आतंकियों का मारना कोई पाप नहीं है। संसार में तीन रत्न होते हैं
संसार में तीन रत्न विद्या, श्री और दुर्गा हैं जो रत्नावली में थे। मातृ शक्ति असामान्य और सबला होती है। सती के सात विधान होते हैं, जिसके जीवन में नख शिख सत हो वो सती है। तप सती का दूसरा विधान है। क्षमा, शौर्य, धैर्य, पति प्रियता तथा प्यार व समर्पण सत्य के अन्य विधान हैं। रत्नावली में ये सभी विधान सिद्ध होते हैं। वर्तमान की कार्यशैली पर निर्भर करता है भविष्य
ज्योतिष के लिए मर्मज्ञ जानकार का होना आवश्यक है। बापू ने कहा कि मैं इस विद्या को नहीं मानता हूं लेकिन ज्योतिष में मेरी रुचि है। वर्तमान की कार्यशैली पर ही भविष्य निर्भर रहता है इसलिए हमें सिर्फ अपने कर्म पर ही ध्यान देना चाहिए। ज्योतिषियों से हमें सिर्फ यह पूछना चाहिए कि हरि कब मिलेंगे। शाम को सेल्फी लेने वालों की भीड़
संत कृपा सनातन संस्था की ओर से रत्नावली के महेवा घाट पर आयोजित नौ दिवसीय रामकथा के लिए आकर्षक पंडाल बनाया गया है। पंडाल में मेहराब, आकर्षक प्रवेश द्वार तथा फव्वारे लगाए गए हैं। शाम ढ़लते ही मेले सा नजारा इन दिनों देखने को मिल रहा है। पंडाल में अलग से सैल्फी प्वाइंट बनाया गया है जहां बड़ी संख्या में आस पास के क्षेत्रों से ग्रामीण इस विहंगम एवं आकर्षक नजारे को अपने कैमरे में कैद करने में देर रात तक लगे रहते हैं। शरमन जोशी कल देंगे अपनी प्रस्तुति
सांस्कृतिक संध्या में शुक्रवार को शरमन जोशी अपने प्रमुख नाटक राजू, राजाराम और मैं की प्रस्तुति देंगे। थियेटर से अपने कैरियर की शुरुआत करने वाले जोशी कई भाषाओं में अपनी प्रस्तुति दे चुके हैं। फिल्म अभिनेता एवं थिएटर आíटस्ट जोशी हिदी फिल्मों में कॉमिक फिल्मों के लिए जाने जाते है। गॉड मदर से फिल्मी कैरियर शुरू करने वाले शरमन रंग दे बसंती, गोलमाल, थ्री इडियट, फरारी की सवारी, हैट स्टोरी 3, 1920 लंदन, ढ़ोल, रकिब, वजह तुम हो, लज्जा, आदि फिल्मों में काम कर चुके हैं। जोशी को को 2010 में थ्री इडियट के लिए बेस्ट सपोíटंग एक्टर के रूप में आइफा अवार्ड भी मिल चुका है। वे हिन्दी फिल्मों के अलावा कई टीवी शो भी होस्ट कर चुके हैं।