संदिग्ध जान पुलिस ने चार कश्मीरियों को पकड़ा
संसू, कड़ा : शुक्रवार की दोपहर सैनी कोतवाली के देवीगंज से पुलिस ने संदिग्ध जान चार कश्मीरियों को पकड़ लिया। पूछताछ में यह चारो अखरोट बेचने वाले निकले। आइबी व एलआइयू की टीम ने करीब दो घंटों की पूछताछ के बाद उन्हें छोड़ दिया।
संसू, कड़ा : शुक्रवार की दोपहर सैनी कोतवाली के देवीगंज से पुलिस ने संदिग्ध जान चार कश्मीरियों को पकड़ लिया। पूछताछ में यह चारो अखरोट बेचने वाले निकले। आइबी व एलआइयू की टीम ने करीब दो घंटों की पूछताछ के बाद उन्हें छोड़ दिया।
आइबी के सब इंस्पेक्टर मनीष तिवारी की सूचना पर देवीगंज चौकी पुलिस ने कड़ा में घूम रहे दो महिलाओं व दो पुरुषों को देवीगंज पुलिस चौकी लाकर पूछताछ की। उनके पास से दो बैग में अखरोट के पैकेट मिले। उन्होंने अपना पता बनघी कुलगाम अनंतनाग जम्मू कश्मीर बताया। खुफिया एजेंसियों ने उनसे करीब दो घंटे तक पूछताछ की। उनके आधार कार्ड के अलावा अन्य आइडी जांची। इसके बाद कोई संदिग्ध गतिविधि प्रतीत न होने पर उन्हें करीब साढ़े तीन बजे छोड़ दिया गया।
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पूछताछ में चारों बार-बार बदलते रहे बयान
खुफिया एजेंसी के अफसर भले ही सबकुछ ठीक होने की बात कर रहे हो लेकिन दो किलो अखरोट लेकर आने का मकसद गले नहीं उतर रहा है। पूछताछ में चारों कई बार बयान बदलते रहे।
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पखवारे भर से प्रयागराज में रहे थे
चारों कश्मीरियों ने बताया कि वे प्रयागराज के शाहगंज में पखवारे भर पहले ही आए हैं। अखरोट बेचने पहली बार कौशांबी में आए हैं। चारों के आधार कार्ड व अन्य आइडी की फोटोकॉपी रखने की बात कही। आइबी व एलआइयू के अलावा क्राइम ब्रांच की टीम ने उनके मोबाइल नंबर व आधार कार्ड आदि की प्रतिलिपि लेते हुए छोड़ जरूर दिया है लेकिन उनकी गतिविधि पर नजर रखने के अलावा शाहगंज प्रयागराज के पहचान वाले व्यक्ति की जानकारी जुटाना शुरू कर दिया है। खुद को चर्चा में लाने से रोकते रहे चारों
मीडिया कर्मियों ने खुफिया एजेंसी के अफसरों से चारों की फोटो व नाम-पता पूछा। इस पर चारों ने खुद को सुíखयों में न लाने की मिन्नत की। इसे देखते हुए चारों के ¨फगर ¨प्रट भी अफसरों ने सुरक्षित कर लिया है। जम्मू कश्मीर के रहने वाले चारों एक ही परिवार के सदस्य हैं। उनके आधार कार्ड व अन्य आइडी की पड़ताल की गई है। प्रयागराज में वह जिस जगह रह रहे थे वहां के व्यक्ति से भी बातचीत की गई है। फिलहाल सबकुछ ठीक-ठाक मिलने पर उन्हें छोड़ दिया गया है। इसके बावजूद कुछ अनसुलझे सवाल की खोजबीन के लिए अपने स्तर से जांच की जा रही है।
- राजेश ¨सह, प्रभारी इंटेलीजेंस ब्यूरो।