पर्यावरण बचाने को पौधे लगाएं, मनरेगा से मिलेगी मजदूरी
जासं कौशांबी पर्यावरण में बढ़ रहे प्रदूषण को लेकर शासन प्रशासन चितित है। पर्यावरण को बचाने के लिए पौधरोपण का विशेष मुहिम चलाई जा रही है। लघु सीमांत किसानों व मनरेगा मजदूरों के लिए तो यह दोहरे लाभ का अवसर है। खेत के मेड़ पर पौधे लगाकर पर्यावरण बचाएंगे और पौधों की देखभाल के बदले मनरेगा के तहत मजदूरी भी पाएंगे।
जासं, कौशांबी : पर्यावरण में बढ़ रहे प्रदूषण को लेकर शासन प्रशासन चितित है। पर्यावरण को बचाने के लिए पौधरोपण का विशेष मुहिम चलाई जा रही है। लघु सीमांत किसानों व मनरेगा मजदूरों के लिए तो यह दोहरे लाभ का अवसर है। खेत के मेड़ पर पौधे लगाकर पर्यावरण बचाएंगे और पौधों की देखभाल के बदले मनरेगा के तहत मजदूरी भी पाएंगे।
विकास की अंधी दौड़ में वन क्षेत्र कम हो रहा है। सड़क के चौड़ीकरण, फैक्ट्री आदि के निर्माण के लिए पेड़ों की कटाई बड़े पैमाने पर की जा रही है। शहरी क्षेत्र में अब गिनती के पेड़-पौधों की संख्या काफी कम हो गई है। पर्यावरण के संरक्षण के लिए
लगभग 18 लाख पौधे लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। 13 विभागों के जरिए लक्ष्य के सापेक्ष पौधे लगाने का खाका तैयार हो गया है। लक्ष्य को पूरा करने में सबसे बड़ी भागीदारी वन विभाग, ग्राम्य विकास, राजस्व और पंचायतीराज विभाग की है। लघु सीमांत किसानों व मनरेगा मजदूरों को चार लाख पौधे लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। पौधरोपण कर रख करने वाले किसानों व मजदूरों को मजदूरी मिलेगी। इससे उनकी आर्थिक में सुधार होगा। साथ ही पर्यावरण स्वच्छ रहेगा। 150 पौधे लगाने पर मिलेंगे 18200 रुपये
पौधरोपण को गति देने के लिए ग्राम विकास विभाग ने इसे मनरेगा से जोड़ा है। इसके तहत किसानों को खेत में पौधे लगाने को प्रोत्साहित किया जा रहा है। बदले में उन्हें मजदूरी, खाद और रखवाली का पैसा भी मिलेगा। डीसी मनरेगा लक्ष्मण प्रसाद ने बताया कि एक किसान व मनरेगा मजदूर अगर 150 पौधे लगाता है तो उसे सौ दिन की मजदूरी व रखवाली के खर्च रुप में 18200 रुपये दिए जाएंगे। लघु सीमांत किसानों व मनरेगा मजदूर अपने खेतों की मेड़ पर पौधे लगाएं इस पर विशेष जोर दिया जा रहा है। पौधों की रक्षा करेंगे वृक्ष अभिभावक
पौधों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हर गांव में वृक्ष अभिभावक बनाए जा रहे हैं। ग्राम प्रधान, बीडीसी व सचिव के अलावा गांव के जागरूक व्यक्ति को यह जिम्मेदारी दी जा रही है। उनका दायित्व होगा कि अपने गांव में प्रमुखता से पौधरोपण कराएं और उनकी सुरक्षा भी सुनिश्चित करें। जिले की सभी ग्राम पंचायतों में वृक्ष अभिभावक की तैनाती की गई है। वह रोपित किए गए एक-एक पौधे की रक्षा करेंगे।