कभी बुझाता था प्यास अब फूल रही सांस
डार्कजोन कौशांबी का भूगर्भ जलस्तर बढ़ाने के लिए शासन की ओर से वर्षा जल संरक्षण के लिए आवश्यक निर्देश दिया है। इसमें तालाबों की खोदाई सोकपिट का निर्माण व चेक डैम निर्माण कराना है। इसके बाद भी जिम्मेदार ध्यान नहीं दे रहे हैं। सिराथू तहसील क्षेत्र की ग्राम पंचायत नारा में स्थित साढ़े चार बीघे के रकबे गभिया तलाब को लोग कूड़ा डाल कर पाट रहे थे। ऐसे में धीरे-धीरे इसका अस्तित्व खत्म हो रहा है। यदि मनरेगा से इस तालाब की सफाई करा दी जाए तो बारिश के पानी को सहेजा जा सकता है।
संसू, नारा : डार्कजोन कौशांबी का भूगर्भ जलस्तर बढ़ाने के लिए शासन की ओर से वर्षा जल संरक्षण के लिए आवश्यक निर्देश दिया है। इसमें तालाबों की खोदाई, सोकपिट का निर्माण व चेक डैम निर्माण कराना है। इसके बाद भी जिम्मेदार ध्यान नहीं दे रहे हैं। सिराथू तहसील क्षेत्र की ग्राम पंचायत नारा में स्थित साढ़े चार बीघे के रकबे गभिया तलाब को लोग कूड़ा डाल कर पाट रहे थे। ऐसे में धीरे-धीरे इसका अस्तित्व खत्म हो रहा है। यदि मनरेगा से इस तालाब की सफाई करा दी जाए तो बारिश के पानी को सहेजा जा सकता है।
सिराथू विकास खंड क्षेत्र नारा गांव के एक हेक्टेयर क्षेत्रफल के गभिया तालाब के बारे में कभी नारा गांव के उर्दू अदब के मशहूर शायर रहे नूह नर्बी ने कहा था कि नारा हमारा खित्तय दरिया से कम नहीं, गभिया पानी किसी दरिया से कम नहीं, लेकिन आज हालात बदल गए हैं। एक हेक्टेयर क्षेत्रफल में फैला गभिया तलाब का अस्तित्व धीरे-धीरे खत्म होता जा रहा है। तालाब के चारों ओर लोग कूड़ा फेंककर तालाब को पाट रहे हैं। इसके साथ खेत से सटे किसानों ने तालाबी भूमि के कुछ हिस्से को अपने खेत में मिला लिया है। दो दशक पूर्व इस तालाब में अप्रैल व मई में पानी लबालब रहता था। ग्रामीणों का कहना है कि 15 साल पहले जिला पंचायत द्वारा तालाब की खोदाई कराई गई थी। अब तालाब में अतिक्रमण है। ऐसे में वर्षा जल संरक्षण संभव नहीं है। यदि इस तालाब की सफाई करा दी जाए तो जल संचय हो सकता है। एक एकड़ के क्षेत्र फल वाले तालाब की खोदाई मनरेगा से नहीं हो पा रही है। लघु सिचाई विभाग को प्रस्ताव भेजकर तालाब की खोदाई कराने की मांग की गई है। जल्द ही तालाब किनारे फैली गंदगी की साफ-सफाई करा कर पौधे रोपित किए जाएंगे।
फूल कली, ग्राम प्रधान नारा