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अजरौली व बेरौचा माइनर में दो माह से नहीं आया पानी

पानी किसानों के जीवन का एक अहम हिस्सा है। बिना पानी के अच्छी फसल का उत्पादन नहीं हो सकता है। फसलों की सिचाई के लिए मुख्य रूप से तीन नहरें शामिल है। फतेहपुर जनपद के किशनपुर पंप कैनाल से निकलने वाली नहरों से 14128 हेक्टेयर भूमि की सिचाई आधारित है। माइनरों में पानी के प्रवाह के लिए सात पंप कैनाल लगाए गए हैं। पिछले दो माह से अजरौली व बेरौचा माइनर में पानी नहीं आ रहा है। इसकी वजह से हरी सब्जी सूख रही है। साथ ही मूंग व उरद की बोआई के लिए किसान खेतों का पलेवा नहीं कर पा रही हैं।

By JagranEdited By: Published: Tue, 20 Apr 2021 09:55 PM (IST)Updated: Tue, 20 Apr 2021 09:55 PM (IST)
अजरौली व बेरौचा माइनर में दो माह से नहीं आया पानी
अजरौली व बेरौचा माइनर में दो माह से नहीं आया पानी

चंपहा: पानी किसानों के जीवन का एक अहम हिस्सा है। बिना पानी के अच्छी फसल का उत्पादन नहीं हो सकता है। फसलों की सिचाई के लिए मुख्य रूप से तीन नहरें शामिल है। फतेहपुर जनपद के किशनपुर पंप कैनाल से निकलने वाली नहरों से 14128 हेक्टेयर भूमि की सिचाई आधारित है। माइनरों में पानी के प्रवाह के लिए सात पंप कैनाल लगाए गए हैं। पिछले दो माह से अजरौली व बेरौचा माइनर में पानी नहीं आ रहा है। इसकी वजह से हरी सब्जी सूख रही है। साथ ही मूंग व उरद की बोआई के लिए किसान खेतों का पलेवा नहीं कर पा रही हैं।

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जनपद के किसानों की फसलों की सिचाई के लिए किशुनपुर पंप कैनाल से निकली मुख्य नहर से छह माइनर और 28 रजबहों का जाल तो बिछा दिया। नहर की सिल्ट सफाई के नाम पर इस वर्ष लगभग 80 लाख रुपये खर्च किया गया है। विकास खंड कौशांबी क्षेत्र के अधिकतर किसान नहर के पानी से सिचाई करते हैं। किसानों का कहना है कि पिछले दो माह से अजरौली व बेरौचा माइनर में पानी नहीं आया है। इसकी वजह से नहर में धूल उड़ रही है। किसान सूरजपाल, बनवारी, सुंदरलाल, मुकेश आदि का कहना है कि नहर में पानी का प्रवाह न होने से हरी सब्जी सूख रही है। साथ ही मूंग व उरद की बोआई के लिए किसान खेतों का पलेवा नहीं कर पा रही हैं। पानी का प्रवाह करने की मांग न होने से परेशानी हो रही है। शिकायत के बाद भी समस्या का निराकरण नहीं हो रहा है। नहरों में पानी का प्रवाह ने होने से किसानों में खासी नाराजगी है। नहरों में पानी का प्रवाह न होने से किसानों को प्राइवेट नलकूप का सहारा लेना पड़ता है। नहरों में पानी का प्रवाह किया जाए। इसकी मांग मांग तहसील प्रशासन व सिचाई विभाग के अधिकारियों से की गई थी, लेकिन ध्यान नहीं दिया गया है।

रामदास किशुनपुर पंप कैनाल चल तो रहा है, लेकिन सिल्ट सफाई सही तरीके के न होने से टेल तक पानी नहीं पहुंच रहा है। ऐसे में जहां किसान सफल की सिचाई नहीं कर पा रहे हैं। वही पशु-पक्षियों की प्यास नहीं बुझ रही है।

सुखनंदन सिंह नहरों की सिल्ट सफाई के नाम पर हजारों रुपये हर साल सरकार खर्च करती है, लेकिन ठेकेदार सही तरीके से सफाई नहीं करता है। इसकी वजह से टेल तक पानी नहीं पहुंच रहा है। बदलू गेहूं की फसल की कटाई करने के बाद मूंग व उरद की बोआई के लिए खेत का पलेवा करना है। नहर में पानी न आने की वजह से खेत का पलेवा नहीं कर रहा हैं।

नंदा नहरों में पानी की आपूर्ति के लिए किशनपुर पंप कैनाल में लगाए गए पंप काफी पुराने हो गए थे। उसे बदल कर नए पंप लगाने का कार्य किया जा रहा है। 25 मई के बाद नहरों में पानी का प्रवाह किया जाएगा।

जगदीश लाल, एक्सईएन सिचाई खंड कौशांबी


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