सरस्वती की खोज को फिर पहुंची एनजीआरआइ की टीम
संसू, चायल (कौशांबी) : नेवादा ब्लाक के सेंवथा गांव में 75 से डेढ़ सौ मीटर गहरी चार बो¨रग की गई जिसमें नदी की धारा के संकेत मिले हैं। यह धारा कितनी पुरानी है? इसकी उम्र की जांच करने के लिए शनिवार को राष्ट्रीय भूभौतिकीय अनुसंधान संस्थान (एनजीआरआइ) हैदराबाद से डॉ. ई नागैया के नेतृत्व में वैज्ञानिकों की टीम आई है। वह पानी का नमूना लेकर हैदराबाद जाएगी।
संसू, चायल (कौशांबी) : नेवादा ब्लाक के सेंवथा गांव में 75 से डेढ़ सौ मीटर गहरी चार बो¨रग की गई जिसमें नदी की धारा के संकेत मिले हैं। यह धारा कितनी पुरानी है? इसकी उम्र की जांच करने के लिए शनिवार को राष्ट्रीय भूभौतिकीय अनुसंधान संस्थान (एनजीआरआइ) हैदराबाद से डॉ. ई नागैया के नेतृत्व में वैज्ञानिकों की टीम आई है। वह पानी का नमूना लेकर हैदराबाद जाएगी।
प्रति बोरवेल से वैज्ञानिकों की टीम 100 से 150 लीटर पानी का नमूना ले जाएंगे। कार्बन डे¨टग के जरिए पानी की उम्र की जांच हो सकेगी। उसके बाद ही कहा जा सकता है कि यहां पर सरस्वती थी या कोई और नदी। इससे पहले भी एनजीआरआइ की टीम आई थी। तब वह टीम मिट्टी का नमूना लेकर गई थी। उसकी जांच हैदराबाद में की जा रही है। वैज्ञानिकों ने बताया कि पानी की रिपोर्ट आने में दो से तीन महीने का समय लग सकता है। गंगा-यमुना के बीच एक और नदी है जो अ²श्य सरस्वती भी हो सकती है। कई महीने से प्रयागराज और कौशांबी में खोज की जा रही है। इससे पूर्व टीम ने क्षेत्र का हवाई सर्वे भी हुआ है। अब तक नौ स्थानों पर खुदाई की जा चुकी है।