ओवरलोड वाहनों के गुजरने से म्योहर-बेरुआ मार्ग बदहाल
करारी क्षेत्र के म्योहर कालोनी से बेरुआ होते हुए प्रतिदिन भोर में बालू लदे दर्जनों ओवरलोड ट्रैक्टर प्रतापगढ़ की तरफ जाते हैं। इससे करोड़ों की लागत से बना लगभग 10 किमी. लंबा म्योहर-बेरुआ मार्ग बदहाल हो गया है। इन वाहनों के तेज रफ्तार चलने से सड़क किनारे के गांवों के लोग खुद को असुरक्षित भी महसूस करते हैं। मार्ग पर जगह-जगह गड्ढे होने से पानी भरा रहता है।
अर्का: करारी क्षेत्र के म्योहर कालोनी से बेरुआ होते हुए प्रतिदिन भोर में बालू लदे दर्जनों ओवरलोड ट्रैक्टर प्रतापगढ़ की तरफ जाते हैं। इससे करोड़ों की लागत से बना लगभग 10 किमी. लंबा म्योहर-बेरुआ मार्ग बदहाल हो गया है। इन वाहनों के तेज रफ्तार चलने से सड़क किनारे के गांवों के लोग खुद को असुरक्षित भी महसूस करते हैं। मार्ग पर जगह-जगह गड्ढे होने से पानी भरा रहता है। कीचड़ होने के कारण
ग्रामीणों को आने-जाने में बहुत परेशानी होती है। लोगों ने कई बार जिला प्रशासन से इसकी शिकायत की मगर ओवरलोड वाहनों पर अंकुश लगाने के लिए कोई कार्रवाई नहीं की गई।
शासन स्तर से ओवरलोड वाहनों पर सख्त कार्रवाई के निर्देश होने के बावजूद क्षेत्र में प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में बालू लदे ओवरलोड वाहन बेरोकटोक फर्राटा भरते हैं। इन ओवरलोड वाहनों के गुजरने से लाखों करोड़ों की लागत से बने कई मार्ग गड्डे में तब्दील हो चुके हैं। ताजा मामला लोक निर्माण विभाग द्वारा बनाए गए लगभग 10 किमी के म्योहर-बेरुआ संपर्क मार्ग का है। करोड़ों रुपये की लागत से बने इस मार्ग से प्रतिदिन भोर में कटैय्या, दिया उपरहार आदि बालू घाटों से 300 से 800 फीट बालू लादकर दर्जनों ओवरलोड ट्रैक्टर प्रतापगढ़ के लिए जाते हैं।संदीप, अभिमन्यु, सुंदर, उमेश, संदीप कुमार, माईदीन, ईश्वरदीन, सत्यम यादव, सुदंर पांडेय, बसंत लाल, मनोज कुमार आदि ने बताया कि ओवरलोड वाहनों के गुजरने से म्योहर-बेरुआ मार्ग गड्ढों में तब्दील हो गया है। इस मार्ग की सबसे खराब स्थिति पक्सराई से बेरुआ चौराहे तक है। इस गड्ढा और कीचड़युक्त रास्ते से रोज अर्कामहावीरपुर, महाराजगंज, सचवारा, पवैय्या, गौहानी, बंधुरी रसुलीपुर, मसनी, बेरुआ, गड़वा , धनपरा सहित दो दर्जन से अधिक गांवो के हजारों लोग गुजरते हैं, जिन्हें आने-जाने में बहुत परेशानी होती है।
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क्या कहते हैं ग्रामीण
1-म्योहर-बेरुआ मार्ग से प्रतिदिन हजारों लोग गुजरते हैं। इस मार्ग से रोज दर्जनों ओवरलोड वाहनों के गुजरने से मार्ग गड्ढों में तब्दील हो गया है। आए दिन राहगीर गिरकर चुटहिल होते हैं।
संतलाल
2-ओवरलोड वाहनों से सरकार को दोहरा नुकसान होता है। इन वाहनों के गुजरने से जहां करोड़ों की लागत से बनी सड़क क्षतिग्रस्त हो जाती हैं, वहीं दूसरी ओर राजस्व का भी भारी नुकसान होता है।
महेश गुप्ता