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बंदरों का बढ़ा उत्पात, स्कूली बच्चों में दहशत, वन विभाग ने खड़े किए हाथ

मूरतगंज बीआरसी क्षेत्र के जीवनगंज स्थित प्राथमिक विद्यालय में बंदरों का उत्पात बढ़ गया है। इससे वहा पढ़ने वाले बचों में दहशत का माहौल है। तीन दिनों में बंदरों ने आधा दर्जन से ज्यादा बचों को काटकर घायल किया है। विद्यालय की ओर से इसकी सूचना वन विभाग को दी गई है। वन विभाग ने बंदरों को पकड़ने में निजी व्यक्ति का सहयोग लेने की बात कही है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 24 Sep 2021 12:30 AM (IST)Updated: Fri, 24 Sep 2021 12:30 AM (IST)
बंदरों का बढ़ा उत्पात, स्कूली बच्चों में दहशत, वन विभाग ने खड़े किए हाथ
बंदरों का बढ़ा उत्पात, स्कूली बच्चों में दहशत, वन विभाग ने खड़े किए हाथ

कौशांबी। मूरतगंज बीआरसी क्षेत्र के जीवनगंज स्थित प्राथमिक विद्यालय में बंदरों का उत्पात बढ़ गया है। इससे वहा पढ़ने वाले बच्चों में दहशत का माहौल है। तीन दिनों में बंदरों ने आधा दर्जन से ज्यादा बच्चों को काटकर घायल किया है। विद्यालय की ओर से इसकी सूचना वन विभाग को दी गई है। वन विभाग ने बंदरों को पकड़ने में निजी व्यक्ति का सहयोग लेने की बात कही है।

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जीवनगंज प्राथमिक विद्यालय में अचानक कही से बंदरों ने आकर डेरा बना लिया। वह पूरे दिन आसपास के पेड़ों पर धमका चौकड़ी करते हैं। साथ ही यदि परिसर में कोई बच्चा अकेला दिखे तो उस पर हमला बोल देते हैं। बीते तीन दिनों में बंदरों ने बबिता पुत्री लालचंद्र, पायल पुत्री रविकरण, वंदना पुत्री संजय, दामिनी पुत्री पलटू, हिमाशी पुत्री उदय सिंह, नीतू पुत्री उमेश को बंदरों ने हमला कर जख्मी कर दिया है। शिक्षकों ने सभी को मूरतगंज पीएचसी से उपचार के बाद स्वजनों के साथ घर भेज दिया। साथ ही प्रधानाध्यापिका हीना ने इसकी जानकारी बीआरसी व ग्राम प्रधान को दी है। सूचना पर पहुंचे खंड शिक्षा अधिकारी जयराम पाल ने वहा पर बंदरों के उत्पात को देखा तो प्रधान के साथ वार्ता कर निराकरण किए जाने पर चर्चा की। प्रधान ने वन विभाग को इसकी जानकारी दी। प्रधान की सूचना पर पहुंचे फारेस्ट आफिसर भरत लाल पाडेय ने बताया कि विभाग में बंदर पकड़ने को लेकर कोई योजना नहीं है। न ही उनके पास इस प्रकार के प्रशिक्षण वाले कर्मचारी है। उन्होंने निजी व्यक्तियों का सहयोग लेने की बात कही। वहीं गाव के कैलाश, छक्कन लाल, लाल प्रताप आदि ने बताया कि बंदरों के आतंक से बच्चे ही नहीं गाव के लोग भी परेशान हैं।


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