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करोड़ों का सीएचसी भवन बगैर इलाज के हुआ जर्जर

चायल कस्बे में लगभग सात साल पहले बनकर तैयार हुआ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) अपने सूरत-ए-हाल पर आंसू बहा रहा है। कार्यदायी संस्था (सीएनडीएस) जल निगम का लाखों रुपये शासन से बकाया होने के चलते अस्पताल का भवन का हस्तानांतरण नहीं किया जा रहा है। इससे भवन बगैर इलाज ही जर्जर हो गया है। शासन ने इस अस्पताल के नाम पर डॉक्टर सहित आठ स्टाप की नियुक्ति भी कर दी है लेकिन संसाधनों के अभाव व भवन हस्तानांतरण न होने के कारण इलाकाई मरीजों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 30 Nov 2020 10:10 PM (IST)Updated: Mon, 30 Nov 2020 10:10 PM (IST)
करोड़ों का सीएचसी भवन बगैर इलाज के हुआ जर्जर
करोड़ों का सीएचसी भवन बगैर इलाज के हुआ जर्जर

चायल : चायल कस्बे में लगभग सात साल पहले बनकर तैयार हुआ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) अपने सूरत-ए-हाल पर आंसू बहा रहा है। कार्यदायी संस्था (सीएनडीएस) जल निगम का लाखों रुपये शासन से बकाया होने के चलते अस्पताल का भवन का हस्तानांतरण नहीं किया जा रहा है। इससे भवन बगैर इलाज ही जर्जर हो गया है। शासन ने इस अस्पताल के नाम पर डॉक्टर सहित आठ स्टाप की नियुक्ति भी कर दी है, लेकिन संसाधनों के अभाव व भवन हस्तानांतरण न होने के कारण इलाकाई मरीजों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है।

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चायल कस्बे में वर्ष 2013 में तीन करोड़ 88 लाख रुपये की लागत से 30 बेड का सीएचसी भवन बनाया गया। अस्पताल की बिल्डिंग की सतह नीचे है। इसके कारण परिसर में बरसात के दिनों में जलभराव की समस्या रहती है। भवन निर्माण लागत का 83 लाख रुपये शासन से बकाया होने के चलते कार्यदायी संस्था जलनिगम ने भवन का हस्तांतरण अब तक स्वास्थ्य विभाग को नहीं किया है। ऐसे में देखरेख और मरम्मत के अभाव में भवन जर्जर हो रहा है। भवन की दीवारों में दरारें पड़ कर टूट रही हैं, अराजकतत्वों द्वारा खिड़की दरवाजे निकाले जा रहे हैं। भवन में अक्सर जुएं की फड़ बैठती है, जिससे कस्बा वासियों में विभाग के प्रति आक्रोश है। प्रभारी चिकित्साधिकारी डॉ. मुक्तेश द्विवेदी का कहना है कि जब तक भवन का हस्तांतरण नहीं हो जाता, तब तक भवन में अस्पताल चलाना संभव नहीं होगा। उन्होंने बताया कि कई बार कार्यदायी संस्था को भवन हस्तांतरण का पत्र भेजा जा चुका है, लेकिन कार्यदायी संस्था का 88 लाख रुपये शासन से बकाया होने के चलते अस्पताल हस्तानांतरण नहीं किया जा रहा है। इससे क्षेत्रीय लोगों को इसकी सुविधा नहीं मिल पा रही है।

पीएचसी में बैठ रहा सीएचसी का स्टाफ

पीएचसी प्रभारी मुक्तेश द्विवेदी ने बताया कि डॉ. रेनू परिहार, डॉ. अंकित चित्रांश, मुख्य फार्मासिस्ट बृजमोहन सिंह, फार्मासिस्ट लालसिंह, वार्ड ब्वाय आनंद कुमार और वार्ड आया साधना सुमन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चायल में तैनात हैं और यहीं से इनका वेतन रिलीज किया जा रहा है, लेकिन भवन का हस्तांतरण न होने से पूरा स्टाफ पीएचसी में बैठ रहा है।

स्वास्थ्य टीम ने किया था भवन का निरीक्षण

कस्बे वासियों की शिकायत पर चार नवंबर 2019 को लखनऊ से आए स्वास्थ्य विभाग के सहायक सिविल इंजीनियर महेशचंद्र श्रीवास्तव, अवर अभियंता स्वास्थ्य विभाग कौशांबी डीआर सिंह व चायल प्रभारी चिकित्साधिकारी डॉ. मुक्तेश द्विवेदी के साथ चार नवंबर 2019 को सामुदायिक स्वास्थ्य भवन का निरीक्षण किया था। जांच के दौरान टीम को सीएचसी भवन के दरवाजे, खिड़की नदारद मिले थे। अस्पताल परिसर में गंदगी का अंबार लगा हुआ था। टीम ने कार्यदायी संस्था जलनिगम को 88 लाख रुपये में भवन की मरम्मत, फर्श की मरम्मत, नाला निर्माण, मिट्टी की पटाई आदि कार्यो को लिखा पढ़ी में उपलब्ध करवाने का निर्देश दिया है, लेकिन साल भर बीतने के बाद भी सामुदायिक भवन की स्थिति जस की तस बनी हुई है।


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