ब्लैक लिस्ट होंगी भुगतान ले रही कई फर्जी फर्म
शासन ने मनरेगा योजना में सामग्री आपूर्ति का भुगतान लेने वाली फर्म को जनपद स्तर पर स्थलीय निरीक्षण का निर्देश दिया है। दस्तावेज के अनुसार वास्तविक व्यवसाय करने पर जिला कार्यक्रम अधिकारी को जनपद स्तर पर पंजीकरण करने का आदेश दिया है।
शासन ने मनरेगा योजना में सामग्री आपूर्ति का भुगतान लेने वाली फर्म को जनपद स्तर पर स्थलीय निरीक्षण का निर्देश दिया है। दस्तावेज के अनुसार वास्तविक व्यवसाय करने पर जिला कार्यक्रम अधिकारी को जनपद स्तर पर पंजीकरण करने का आदेश दिया है। जांच में बोगस और कागजी फर्मो के पंजीकरण की सूची हटाकर ब्लैक लिस्ट में डालकर कार्रवाई की जाएगी।
प्रदेश के कुछ जनपदों में मनरेगा के तहत कराए गए कार्यों के दौरान सामग्री की आपूर्ति करने वाली फर्म फर्जी मिली हैं। जिन फर्म को सामग्री आपूर्ति के लिए भुगतान किया गया है। उसमें कई फर्मो के पंजीकृत पते पर सामग्री का उत्पादन होता नहीं मिला है। जांच के दौरान पंजीकरण पते पर उनका कोई अस्तित्व नहीं पाया गया है। मामले का खुलासा होने के बाद आयुक्त ग्राम्य विकास विभाग ने प्रदेश के सभी जिला कार्यक्रम अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि मनरेगा योजना के तहत सामग्री आपूर्तिकर्ता फर्म का दोबारा जीएसटी, टिन, आयकर पंजीकरण, आधार, व पते का स्थलीय निरीक्षण कर जनपद व ब्लाक स्तर पर फर्मो की सूची तालिका बनाकर स्पष्ट किया जाय कि फर्म के सभी दस्तावेज पूर्ण हैं तथा अपने पंजीकृत पते के स्थान पर व्यवसाय कर रही है। जिससे कि वेबसाइट पर फर्जी फर्मो का पंजीकरण न हो सके। इसके बाद ही पंजीकरण फर्मो के खाते में कार्यक्रम अधिकारी आपूर्ति की गए सामग्री के सापेक्ष भुगतान की प्रक्रिया का निर्देश दिया है। जिन फर्मो का मनरेगा व वित्त विभाग की गाइडलाइन के अनुसार अर्हताएं पूर्ण नही हैं उनको तत्काल मनरेगा वेबसाइट से हटाकर ब्लैक लिस्ट में डाल कर उनके खिलाफ कार्रवाई की रिपोर्ट दे। शासन के निर्देश के बाद डीपीओ सुरेश कुमार गुप्ता ने मामले की जांच पड़ताल शुरू कर दी।