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धान का वाजिब दाम न मिलने से किसान मायूस

जासं, कौशांबी : जनपद के 50 फीसद किसानों ने धान की फसल तैयार कर ली है। धान का वाजिब मूल्य न मिल पाने से वह काफी परेशान हैं। सरकारी क्रय केंद्रों में धान की खरीद शुरू न होने से बाजार का रेट भी कम है। हजारों कुंतल धान किसानों के घरों में डंप है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 22 Oct 2018 09:10 PM (IST)Updated: Mon, 22 Oct 2018 09:10 PM (IST)
धान का वाजिब दाम न मिलने से किसान मायूस
धान का वाजिब दाम न मिलने से किसान मायूस

जासं, कौशांबी : जनपद के 50 फीसद किसानों ने धान की फसल तैयार कर ली है। धान का वाजिब मूल्य न मिल पाने से वह काफी परेशान हैं। सरकारी क्रय केंद्रों में धान की खरीद शुरू न होने से बाजार का रेट भी कम है। हजारों कुंतल धान किसानों के घरों में डंप है।

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जिले की 80 फीसद आबादी कृषि पर आधारित है। यहां पर मुख्य रूप से धान, आलू व गेहूं की खेती किसान करते हैं। अधिकतर किसान धान की फसल कटाई करने के बाद आलू की बोआई करते हैं। कई किसानों ने धान की फसल की कटाई कर ली है। घरों व मंडी में धान डंप है। किसानों की माने तो धान का बाजारू रेट 1200 रुपये प्रति कुंतल है, जबकि सरकार ने 1725 रुपये प्रति कुंतल मोटा धान का दाम निर्धारित किया है। सरकारी क्रय केंदों में धान की खरीद अभी शुरू नहीं की गई। बाजार में धान का रेट कम होने की वजह से किसान धान की बिक्री नहीं कर रही है। बिक्री न होने से किसान आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं। साथ ही आलू की बोआई प्रभावित हो रही है। इस संबंध में समर्थ किसान पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अजय सोनी ने प्रशासनिक अधिकारियों को ज्ञापन भी सौंपा था, लेकिन ध्यान नहीं दिया गया। एक नवंबर से होगी धान की खरीद

जनपद के किसानों से धान खरीदने का लक्ष्य शासन स्तर से निर्धारित कर दिया है। इस बार चार लाख 47000 कुंतल धान की खरीद की जाएगी। इसके लिए 32 क्रय केंद्र भी बनाए जा चुके हैं। शासन के निर्देश पर खाद्य एवं विपणन विभाग ने धान खरीद की तैयारी भी पूरी कर लिया है। एक नवंबर से धान की खरीद होगी, जबकि धान की सैकड़ों किसानों कर लिया है। कहते हैं किसान

धान की फसल की कटाई एक सप्ताह पूर्व कर लिया है। मार्केट में धान का रेट काफी कम है। इसकी वजह से धान खलिहान में डंप।

- पवन ¨सह

धान की फसल तैयार करने में हजारों रुपये खर्च हो गए हैं। इसकी वजह से आर्थिक तंगी से जूझ रहा हूं। धान की बिक्री न हो पाने से आलू की बोआई नहीं कर पा रहे है।

- छेदी लाल

बाजार में धान कर रेट 1200 प्रति कुंतल है। इस रेट का धान बेचने से लागत नहीं निकल पा रही है। सरकारी क्रय केंद्र में धान की खरीदारी शुरू होने का इंतजार कर रहा हूं।

- भुवन ¨सह

मंडी धान डंप है। वाजिब दाम न मिलने से धान की बिक्री नहीं कर रहे हैं। यदि बारिश हो जाए तो खुले आसमान के नीचे रखा हजारों रुपये का धान बर्बाद हो जाएगा।

- रामनारायाण


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