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Kaushambi: पुलिस के लिए चुनौती बने 50 से अधिक लापता हिस्ट्रीशीटर, खंगाली जा रही 712 हिस्ट्रीशीटरों की गतिविधि

आए दिन कहीं न कहीं गिरोहबंद अपराधों को अंजाम दिया जा रहा है। मामले में मुकदमा पंजीकृत करने के बाद लकीर पीट रही पुलिस कभी-कभार गुडवर्क करती है तो पता चलता है कि पकड़े गए आरोपितों में ज्यादातर जिले के अलावा गैर जनपद के हिस्ट्रीशीटर हैं।

By raj k. srivastavaEdited By: Shivam YadavPublished: Sun, 15 Jan 2023 07:00 PM (IST)Updated: Sun, 15 Jan 2023 07:00 PM (IST)
Kaushambi: पुलिस के लिए चुनौती बने 50 से अधिक लापता हिस्ट्रीशीटर, खंगाली जा रही 712 हिस्ट्रीशीटरों की गतिविधि
जिले में लूट व चोरी जैसे संगठित अपराधों का ग्राफ घटने का नाम नहीं ले रहा है।

कौशांबी, जागरण संवाददाता: कानून व्यवस्था को दुरुस्त करने में जुटी जिले की पुलिस के लिए 50 से अधिक लापता हिस्ट्रीशीटर चुनौती बने हुए हैं। लापता हिस्ट्रीशीटर कहां हैं और इनकी गतिविधि क्या है। इस बारे में जानकारी हासिल करने के लिए पड़ोसी जनपद की पुलिस का भी सहारा लिया जा रहा है। इतना ही नहीं, सभी थानेदारों से एसपी ने जिले में रह रहे साढ़े छह सौ से अधिक हिस्ट्रीशीटरों की कुंडली तैयार कर रिपोर्ट भी मांगी है, जिससे अपराध पर शिकंजा कसा जा सके।

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जिले में लूट व चोरी जैसे संगठित अपराधों का ग्राफ घटने का नाम नहीं ले रहा है। आए दिन कहीं न कहीं गिरोहबंद अपराधों को अंजाम दिया जा रहा है। मामले में मुकदमा पंजीकृत करने के बाद लकीर पीट रही पुलिस कभी-कभार गुडवर्क करती है तो पता चलता है कि पकड़े गए आरोपितों में ज्यादातर जिले के अलावा गैर जनपद के हिस्ट्रीशीटर हैं। 

पुलिस आंकड़ों के मुताबिक, जनपद में कुल 754 हिस्ट्रीशीटर हैं। इनकी सबसे ज्यादा संख्या मंझनपुर व पिपरी में है। कुल हिस्ट्रीशीटरों में 42 अपराधी जेल की सलाखों के पीछे हैं। शेष 712 में 50 से अधिक हिस्ट्रीशीटरों का सुराग लगाना पुलिस के लिए चुनौती भरा है। फरार चल रहे इन अपराधियों को पुलिस कई साल से तलाश कर रही है लेकिन यह कहां हैं और क्या कर रहे हैं। इस बारे में कोई अता-पता नहीं है। जबकि जिले में रह रहे करीब साढ़े छह सौ से अधिक हिस्ट्रीशीटरों की कुंडली तैयार करने के निर्देश पुलिस अधीक्षक बृजेश कुमार श्रीवास्तव ने सभी थानाध्यक्षों को दिए हैं। 

खास तौर पर सीमावर्ती थाना क्षेत्र के गांवों में ऐसे अपराधियों को चिह्नित किया जा रहा है। साथ ही पड़ोसी जनपद की पुलिस से भी संपर्क कर उनकी चहलकदमी के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है। पुलिस अफसरों का मानना है कि धुंध कोहरे के बीच बढ़ी चोरी की घटनाओं में इन हिस्ट्रीशीटरों की भूमिका संदिग्ध हो सकती है। ऐसे में इनकी निगरानी करना बेहद जरूरी है।

पुलिस अधीक्षक बृजेश कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि जिले के हिस्ट्रीशीटरों की निगरानी के लिए निर्देश दिए गए हैं। साथ ही यह अपराधी क्या कर रहे हैं और कहां हैं। इसकी भी जानकारी हासिल कराई जा रही है। जो हिस्ट्रीशीटर पुलिस के संपर्क में नहीं हैं, उनके परिजनों से जानकारी हासिल की जा रही है। इसके लिए पड़ोसी जनपद की पुलिस की भी मदद ली जा रही है। वहीं दूसरी ओर पुलिस मित्रों का भी सहारा लेकर अपराधियों की गतिविधियों की जानकारी इकट्ठा करने के निर्देश दिए गए हैं।


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