Kaushambi Crime: चकबंदी लेखपाल हत्याकांड का हुआ पर्दाफाश, ट्रैक्टर चालक ने की हत्या, जानें क्यों?
कौशांबी के चकबंदी लेखपाल किरण रूपौलिया हत्याकांड का पर्दाफाश एसपी बृजेश कुमार श्रीवास्तव ने बुधवार को कर दिया है। उन्होंने बताया कि आरोपित शुभमं मिश्रा किरण रूपौलिया का ट्रैक्टर किराए पर लेकर चलाता था। उसका आठ माह का किराया बकाया था। आर्थिक दबाव के चलते उसने हत्या कर दी।
जागरण संवाददाता, कौशांबी: चकबंदी लेखपाल किरण रूपौलिया हत्याकांड का पर्दाफाश एसपी बृजेश कुमार श्रीवास्तव ने बुधवार को कर दिया है। उन्होंने बताया कि आरोपित शुभमं मिश्रा पुत्र स्व. शिव नरेश मिश्रा निवासी तिल्हापुर सराय अकिल किरण रूपौलिया का ट्रैक्टर किराए पर लेकर चलाता था। उसके बदले वह हर माह 25 हजार रुपये का भुगतान करता था। करीब आठ माह का किराया बकाया था। ऐसे में उसपर आर्थिक दबाव अधिक था। उसने अपने साथी विक्रम सिंह पुत्र बादाम सिंह निवासी फरीदपुर पिपरी, आशीष पास पुत्र मनोज कुमार निवासी बहुगरा सरायअकि व मुनील पासी पुत्र स्व. छोटू निवासी गोपालपुर सेवथा पिपरी के साथ मिलकर हत्या की योजना बनाई।
सीसीटीवी की मदद से पुलिस ने ढुंढ़ निकाला
आगे एसपी ने बताया कि शुभमं किरण रुपौलिया को कार से चित्रकूट दर्शन कराने के नाम पर ले गया। रास्ते में उनकी तमंचे के बट से वारकर हत्या कर दी और शव को राजापुर थाना क्षेत्र में फेंककर फरार हो गए। पुलिस ने रूट पर लगे सीसीटीवी की मदद से लाल रंग की रिट्ज कार की खोजबीन की। इसके बाद कहानी सामने आ गई। सभी आरोपितों को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया है।
पिपरी थाने में हुई थी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज
परिजनों ने किरन के तैनाती स्थल जनपद कौशांबी के थाना पिपरी में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। मृतका के भाई सत्येंद्र पांडेय ने बताया कि किरन के पति कृष्ण कुमार रुपौलिहा मूलरुप से जनपद चित्रकूट के थाना राजापुर के मझगवां के रहने वाले थे। वह प्रयागराज में चकबंदी विभाग में नौकरी करते थे तो वहीं बस गए थे। वर्ष 2012 में बहनोई की मौत के बाद किरन को मृतक आश्रित में नौकरी मिली थी।
टेंपो और ट्रैक्टर भी चलवाती थी किरन
बता दें, कि किरन सिर्फ नौकरी नहीं करती थी वह व्यवसाय के रूप में टेंपो व ट्रैक्टर भी चलवाती थी। बिहार के छपरा निवासी भाई सत्येंद्र ने बताया कि किरन के पास पांच छह टेंपो और एक ट्रैक्टर है उसको वह चलवाती थी। उसकी किसी से दुश्मनी थी इसकी जानकारी नहीं है। यह जरूर है कि प्रयागराज में एक जमीन खरीदी थी जिसमें मुकदमा चल रहा है।