बेटियों को आत्मरक्षा की गुर सिखा रहीं जाह्नवी
हौसले उम्र के मोहताज नहीं होते। मन में लगन और आगे बढ़ने की चाह हो तो आप किसी भी उम्र में दूसरों के लिए प्रेरणा के स्त्रोत बन सकते हैं। मंझनपुर कस्बा निवासी जाह्नवी शर्मा 11वीं की छात्रा हैं। इनकी उम्र महज 15 साल है। इस उम्र में जहां लोग अपने बच्चों की सुरक्षा को लेकर चितित रहते हैं। वहीं जाह्नवी दूसरों को आत्मरक्षा के गुर सिखा रहीं हैं। स्कूलों व कस्बे में पहुंचकर विशेषकर बेटियों को जूडो कराटे का हुनर बता रही हैं।
जासं, कौशांबी : हौसले उम्र के मोहताज नहीं होते। मन में लगन और आगे बढ़ने की चाह हो तो आप किसी भी उम्र में दूसरों के लिए प्रेरणा के स्त्रोत बन सकते हैं। मंझनपुर कस्बा निवासी जाह्नवी शर्मा 11वीं की छात्रा हैं। इनकी उम्र महज 15 साल है। इस उम्र में जहां लोग अपने बच्चों की सुरक्षा को लेकर चितित रहते हैं। वहीं जाह्नवी दूसरों को आत्मरक्षा के गुर सिखा रहीं हैं। स्कूलों व कस्बे में पहुंचकर विशेषकर बेटियों को जूडो कराटे का हुनर बता रही हैं।
मंझनपुर कस्बे के कटरा नगर निवासी कृष्ण कुमार शर्मा की बेटी जाह्नवी एक स्कूल में कक्षा 11वीं की छात्रा हैं। पढ़ाई के साथ उनकी रुचि खेलकूद में थी। ऐसे में पिता ने उनको जूडो कराटे का प्रशिक्षण दिलाने का मन बनाया। बेटे रुद्र के साथ जाह्नवी को कराटे का प्रशिक्षण दिलाना शुरू कर दिया। स्कूल में उनको कराटे का प्रशिक्षण मिला तो इनकी रुचि और बढ़ती गई। परिवार व स्कूल से मिले सहयोग से जाह्नवी को जैसे पंख लग गए। उनकी प्रतिभा में लगातार सुधर होता रहा। इनके हौसले का परिणाम रहा कि वर्ष 2019 में अलीगढ़ व आगरा में हुए प्रदेश स्तरीय प्रतियोगिता में उनको सिल्वर मेडल मिला। इस उपलब्धि के बाद जाह्नवी की एक अलग पहचान बन गई। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने मिशन साहसी के लिए उन्हें चुना। संगठन के प्रस्ताव पर उन्होंने विद्यालय व अन्य स्थानों पर पहुंचकर बेटियों को प्रशिक्षत देने का कार्य शुरू कर दीं। पिता परिषदीय विद्यालय में शिक्षक हैं। ऐसे में उन्होंने कई बार पिता के विद्यालय के साथ अन्य स्कूलों में पहुंचकर बच्चों को प्रशिक्षण दिया। उनके इस प्रयास से कई बच्चे जूडो कराटे के प्रति उत्साहित हुए। बच्चों की इस रुचि को देखते हुए कुछ निजी संस्थानों ने प्रशिक्षण के लिए कोचिग भी खोल दी। आज जाह्नवी के प्रेरणा से बच्चे विशेष तौर से बालिकाएं खुद की सुरक्षा को लेकर सतर्क व सचेत हैं। हालाकि, इन दिनों विद्यालय बंद हैं। इसके बाद भी वह भरवारी में कोविड नियमों का पालन करते हुए कुछ बच्चों को प्रशिक्षण दे रही हैं।