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जागरण ने जगाया तो खुलीं आंखें, सामान्य नावों के संचालन पर लगी रोक, बंद पड़े स्टीमर हो गए चालू

सरायअकिल के नंदा का पुरवा गांव स्थित यमुना नदी पर लोगों के आवागमन की सुविधा के लिए लोक निर्माण विभाग ठीके पर पीपा (पांटून) पुल निर्माण करता है। बरसात शुरू होने के पहले नदी में बाढ़ आने पर पुल उखाड़ दिया जाता है। लोगों की सुविधा के लिए स्टीमर का संचालन किया जाता है। लेकिन ठीकेदार डीजल खर्च और राहगीरों से उतराई के नाम पर पैसे वसूली के लिए स्टीमर की जगह सामान्य नाव चलवाते हैं। रविवार को दैनिक जागरण ने इस समस्या को प्रमुखता से प्रकाशित किया तो जिला प्रशासन में खलबली मच गई। सोमवार को सभी व्यवस्था को दुरुस्त करके स्टीमर का संचालन शुरू कर दिया। सामान्य नाव पन रोक लगा दी है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 20 Oct 2020 08:40 AM (IST)Updated: Tue, 20 Oct 2020 08:40 AM (IST)
जागरण ने जगाया तो खुलीं आंखें, सामान्य नावों के संचालन पर लगी रोक, बंद पड़े स्टीमर हो गए चालू

पुरखास : सरायअकिल के नंदा का पुरवा गांव स्थित यमुना नदी पर लोगों के आवागमन की सुविधा के लिए लोक निर्माण विभाग ठीके पर पीपा (पांटून) पुल निर्माण करता है। बरसात शुरू होने के पहले नदी में बाढ़ आने पर पुल उखाड़ दिया जाता है। लोगों की सुविधा के लिए स्टीमर का संचालन किया जाता है। लेकिन ठीकेदार डीजल खर्च और राहगीरों से उतराई के नाम पर पैसे वसूली के लिए स्टीमर की जगह सामान्य नाव चलवाते हैं। रविवार को दैनिक जागरण ने इस समस्या को प्रमुखता से प्रकाशित किया तो जिला प्रशासन में खलबली मच गई। सोमवार को सभी व्यवस्था को दुरुस्त करके स्टीमर का संचालन शुरू कर दिया। सामान्य नाव पन रोक लगा दी है।

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लोक निर्माण विभाग ने नंदा पुरवा स्थित यमुना घाट से प्रयागराज के घूरपुर, गौहनिया, शंकरगढ़, जारी समेत मध्य प्रदेश के त्योंथर, रींवा और मैहर के लोगों के आवागमन के लिए पीपा पुल का निर्माण कराया जाता है। बरसात में नदी में बाढ़ आने के पहले से जून महीने मे पुल उखाड़ने के बाद स्टीमर के जरिये राहगीरों को एक-दूसरी पर नाव से छोड़ जाता है। आरोप है कि ठीकेदार की मनमानी से स्टीमर में लगने वाले डीजल को बचाने और पैसे वसूली के लिए स्टीमर की जगह सामान्य नाव का संचालन किया जाता है। रोजाना सैकड़ों लोग सामान्य नाव से आते-जाते हैं। नाव ओवर लोड होने पर अपनी जान जोखिम में डालकर नदी पार करते हैं। जागरण में खबर प्रकाशित होने पर जिला प्रशासन ने इसका संज्ञान लिया। घाट पर स्टीमर अनिवार्य रूप से चलाने का निर्देश दिया। स्टीमर चालक गोरेलाल व निरहुआ ने बताया कि सोमवार से स्टीमर का संचालन तो शुरू करा दिया गया। लेकिन नदी में लगातर जलस्तर घटने से स्टीमर खड़ी करने में परेशानी आ रही है। इससे सवारियों को चढ़ने उतरने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। लोगों की सहूलियत के लिए उन्हें घाट से स्टीमर तक जाने में नाव की मदद ली जा रही है।


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