आइटीआइ के अनुदेशक भर्ती में फर्जीवाड़े की जांच शुरू
नीरज ¨सह, कौशांबी : राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में अनुदेशक भर्ती में फर्जीवाड़ा की शिकायत शासन स्तर पर हुई है। इसको लेकर 2014 में नियुक्त 2498 अनुदेशकों के शैक्षिक प्रमाणपत्रों की जांच विजिलेंस ने शुरू कर दी है। निदेशक प्रशिक्षण एवं सेवायोजन ने सभी जिले के आइटीआइ कॉलेजों से अनुदेशकों के संबंध में जानकारी मांगी है।
आइटीआइ के अनुदेशक भर्ती में फर्जीवाड़े की जांच शुरू
नीरज ¨सह, कौशांबी : राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में अनुदेशक भर्ती में फर्जीवाड़ा की शिकायत शासन स्तर पर हुई है। इसको लेकर 2014 में नियुक्त 2498 अनुदेशकों के शैक्षिक प्रमाणपत्रों की जांच विजिलेंस ने शुरू कर दी है। निदेशक प्रशिक्षण एवं सेवायोजन ने सभी जिले के आइटीआइ कॉलेजों से अनुदेशकों के संबंध में जानकारी मांगी है। आइटीआइ में अनुदेशकों की भर्ती में फर्जीवाड़ा हुआ है। शासन ने इस शिकायत को गंभीरता से लिया है। विजिलेंस की जांच में सहयोग के लिए निदेशक प्रशिक्षण एवं सेवायोजन प्रांजल यादव ने सभी जिले के आइटीआइ के प्रधानाचार्यों को दस्तावेज की अपने स्तर से जांच के बाद सूची मुहैया कराने का निर्देश दिया है। 21 दिसंबर को जारी निर्देश में कहा है कि 2014 में भर्ती अनुदेशकों का नाम, रोलनंबर, नियुक्तपत्र का क्रमांक, चयन का ट्रेड, शैक्षिक प्रमाणपत्रों की नियुक्ति के बाद जांच की गई है या नहीं, तकनीकी प्रमाणपत्र के सत्यापन की स्थिति, अनुभव प्रमाणपत्रों के सत्यापन की स्थित, पहली बार नियुक्ति के संबंध में जानकारी आदि से विषय सूचना देने का निर्देश दिया है। उन्होंने मंडलीय संयुक्त निदेशक कार्यालय में माध्यम से हर नवनियुक्त अनुदेशक से जुड़ी जानकारी 26 दिसंबर तक दिए जाने का निर्देश दिया है। उन्होंने अपने पत्र में साफ कहा है कि यदि समय से जानकारी नहीं मिली तो यह माना जाएगा कि प्रधानाचार्य जानबूझकर जांच में अवरोध कर रहे है। उनके खिलाफ भी कार्रवाई होगी। कहते हैं जिम्मेदार :
विभाग का पत्र मिलने के बाद सभी अनुदेशकों के दस्तावेज जांच के लिए भेजे जा रहे हैं। जैसे ही जानकारी मिलती है। इस संबंध में विभाग को अवगत करा दिया जाएगा।
- एसके श्रीवास्तव प्रधानाचार्य आइटीआइ सिराथू। शासन स्तर पर अनुदेशक भर्ती में फर्जीवाड़ा की शिकायत हुई है। प्रधानाचार्यों के माध्यम से दस्तावेजों का सत्यापन होने के बाद जांच रिपोर्ट व दस्तावेज विजिलेंस को भेजे जाएंगे।
- मुकेश यादव, संयुक्त निदेशक आइटीआइ प्रयागराज