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एटीएम क्लोनिग करने वाले अंतरराज्यीय गिरोह का भंडाफोड़, चार गिरफ्तार, लैपटाप, क्लोनिग स्कीमर डिवाइस समेत अन्य उपकरण बरामद

कई राज्यों के लिए मुसीबत बने एटीएम क्लोनिग कर लोगों को ठगी का शिकार बनाने वाले गिरोह का भंडाफोड़ चरवा थाना पुलिस ने किया है। गैंग के चार सदस्यों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। जबकि पांचवें आरोपित की तलाश जारी है। पकड़े गए आरोपितों के पास से पुलिस ने लैपटाप क्लोनिग स्कीमर डिवाइस समेत कई एटीएम कार्ड व अन्य उपकरण बरामद किए हैं। आरोपितों ने सोमवार को आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में जिले के अलावा गैर जनपदों व गैर प्रांतों में भी तमाम घटनाओं को अंजाम दिए जाने का जुर्म कबूल किया है। आरोपितों के खिलाफ लिखा-पढ़ी करते हुए पुलिस ने चालान न्यायालय भेजा जहां से उन्हें जेल भेजा गया।

By JagranEdited By: Published: Mon, 25 Oct 2021 10:28 PM (IST)Updated: Mon, 25 Oct 2021 10:28 PM (IST)
एटीएम क्लोनिग करने वाले अंतरराज्यीय गिरोह का भंडाफोड़, चार गिरफ्तार, लैपटाप, क्लोनिग स्कीमर डिवाइस समेत अन्य उपकरण बरामद

कौशांबी। कई राज्यों के लिए मुसीबत बने एटीएम क्लोनिग कर लोगों को ठगी का शिकार बनाने वाले गिरोह का भंडाफोड़ चरवा थाना पुलिस ने किया है। गैंग के चार सदस्यों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। जबकि पांचवें आरोपित की तलाश जारी है। पकड़े गए आरोपितों के पास से पुलिस ने लैपटाप, क्लोनिग स्कीमर डिवाइस समेत कई एटीएम कार्ड व अन्य उपकरण बरामद किए हैं। आरोपितों ने सोमवार को आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में जिले के अलावा गैर जनपदों व गैर प्रांतों में भी तमाम घटनाओं को अंजाम दिए जाने का जुर्म कबूल किया है। आरोपितों के खिलाफ लिखा-पढ़ी करते हुए पुलिस ने चालान न्यायालय भेजा, जहां से उन्हें जेल भेजा गया।

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बीते दिनों चरवा, पिपरी व करारी थाना क्षेत्र के विभिन्न एटीएम बूथ से मदद के नाम पर एटीएम कार्ड बदलने व क्लोनिग करते हुए रामआसरे के खाते से 25 हजार, मनोज के खाते से 10 हजार व सुरेंद्र के खाते से 40 हजार रुपये साइबर शातिरों ने पार कर दिया। मामले की शिकायत पर थानों में अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज किया गया। एसपी राधेश्याम के निर्देश पर अपर पुलिस अधीक्षक समर बहादुर के नेतृत्व में साइबर सेल टीम के अधिकारी अखिलेश उपाध्याय व संदीप सिंह समेत भरवारी चौकी प्रभारी श्रवण कुमार ने मामले की जांच शुरू की। जांच के बाद पुलिस ने दो दिन पहले सागर राजभर पुत्र सुरेश राजभर निवासी उत्तर का पूरा सुरहन पोखरा थाना दीदारगंज जनपद आजमगढ़ को गिरफ्तार किया। पकड़े गए आरोपित ने एटीएम क्लोनिग व कार्ड बदलकर खाते से रुपये निकालने का जुर्म कबूल करते हुए गैंग के साथी अंकित राजभर व सूरज राजभर निवासी सुरहन पोखरा और संदीप राजभर निवासी चैकी बेल्हआ बादशाहपुर जौनपुर का भी नाम बताया। पुलिस ने सागर की निशानदेही पर सभी आरोपितों को भी गिरफ्तार कर लिया। जबकि जौनपुर का रहने वाला मास्टर माइंड रामविलास अभी भी फरार है। अपर पुलिस अधीक्षक समर बहादुर ने बताया कि पकड़े गए आरोपितों के पास से 21 एटीएम कार्ड, एक क्लोनिग स्कीमर डिवाइस, लैपटाप, की-बोर्ड, चार्जर, पांच मोबाइल व दो बाइक बरामद की गई है। एएसपी ने यह भी बताया कि आरोपितों के खिलाफ जिले के अलावा आजमगढ़, चित्रकूट, प्रतापगढ़, फतेहपुर, प्रयागराज समेत गैर प्रांत जैसे हरियाणा, पंजाब, दिल्ली, मध्यप्रदेश आदि जगहों पर भी वारदातों को अंजाम दिए जाने का जुर्म कबूल किया है। ऐसे देते थे वारदातों को अंजाम

पकड़े गए आरोपितों ने बताया कि सूनसान स्थान वाले एटीएम बूथों में वह पहुंचते थे। लोगों के रुपया निकालते समय वह मदद के बहाने धोखे से एटीएम कार्ड बदल कर पैसा निकाल लेते थे। रुपये निकालने के बाद उस एटीएम कार्ड का डाटा स्कीमर डिवाइस में क्लोन कर लेते थे। बाद में डिवाइस को लैपटाप में इंस्टाल कर साफ्टवेयर के माध्यम से क्लोनिग किए गए डाटा को पुराने एटीएम कार्ड की काली पट्टी में ट्रांसफर देते थे। क्लोन किए गए डुप्लीकेट कार्ड को तैया करते हुए लोगों का पूरा खाता खाली कर देते थे। वहीं मदद के दौरान रुपये निकालने आए व्यक्ति के एटीएम कार्ड का कोड पहले से ही साथ में रहने वाला दूसरा साथी नोट कर लेता था। चार माह से प्रयागराज के चकिया में रह रहे थे शातिर

उत्तर प्रदेश के अलावा गैर प्रांतों के लिए चुनौती बने साइबर शातिरों का यह गैंग करीब चार माह से प्रयागराज के चकिया में किराए का कमरा लेकर रहा रहा था। अपर पुलिस अधीक्षक ने बताया कि पखवारा भर या फिर एक माह में यह कमरा बदलते रहते थे। पूछताछ में शातिरों ने यह भी बताया कि इनका मास्टर माइंड फरार चल रहा रामविलास है। उसने महाराष्ट्र से एटीएम क्लोनिग का काम सीखा था। यही नहीं, किसी को उसके काम पर शक न हो, इसके लिए वह प्रयागराज के कई वकीलों के संपर्क में रहकर उन्हें क्लाइंट उपलब्ध कराता था। आरोपितों ने बताया कि रामविलास के इशारे पर ही वह प्रयागराज से कौशांबी, प्रतापगढ़, चित्रकूट, भदोही, वाराणसी, फतेहपुर समेत आसपास के जनपदों में जाते थे और वारदातों को अंजाम देते थे।


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